भारत की प्रमुख एयरलाइन एअर इंडिया एक बार फिर विवादों में है। इस बार देश की विमानन निगरानी संस्था DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने एयरलाइन के तीन कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाने का आदेश जारी किया है। DGCA का ये कदम एयर सेफ्टी को लेकर की गई गंभीर चूक के चलते उठाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में एअर इंडिया की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान में सुरक्षा मानकों का गंभीर उल्लंघन पाया गया। उड़ान के दौरान SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन नहीं किया गया, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती थी।
उड़ान से पहले की सुरक्षा जांच अधूरी छोड़ी गई।
क्रू मेंबर्स ने चेकलिस्ट के महत्वपूर्ण हिस्सों को नजरअंदाज किया।
फ्लाइट लॉगबुक में गलत जानकारी दर्ज की गई।
इन सभी लापरवाहियों को “एविएशन सेफ्टी के साथ सीधा खिलवाड़” माना गया।
DGCA ने जांच पूरी करने के बाद एअर इंडिया के तीन प्रमुख कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया। इनमें शामिल हैं:
फ्लाइट ऑपरेशन मैनेजर
सुरक्षा प्रभारी (सेफ्टी सुपरवाइजर)
फ्लाइट डिस्पैचर
इन सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने और सेवाओं से हटाने का निर्देश दिया गया है। DGCA ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही पर “जीरो टॉलरेंस”नीति अपनाई जाएगी।
“हम DGCA के निर्देशों का सम्मान करते हैं और पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं। सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम जांच के सभी पहलुओं की समीक्षा कर रहे हैं।”
पिछले कुछ महीनों में एअर इंडिया पर टेक्निकल फॉल्ट, फ्लाइट डिलेऔर क्रू की लापरवाही के कई आरोप लगे हैं। हालांकि टाटा समूह के अधिग्रहण के बाद सुधार की उम्मीदें थीं, लेकिन इस तरह की घटनाएं कंपनी की साख पर असर डाल रही हैं।
DGCA की यह कार्रवाई बताती है कि भारत अब विमानन सुरक्षा के मामले में किसी तरह की चूक को बर्दाश्त नहीं करेगा। एअर इंडिया जैसे बड़े ब्रांड के लिए यह एक चेतावनी भी है कि भरोसे की उड़ान सिर्फ विज्ञापन से नहीं, ज़िम्मेदारी से उड़ती है।

