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ईरान क्यों नहीं झुकता अमेरिका-इजरायल के आगे? खोर्रमशहर मिसाइल, फतह-2 और अराश ड्रोन बन चुके हैं उसकी ढाल

ईरान और इजरायल के बीच जंग हर दिन और भीषण होती जा रही है। इस युद्ध की तस्वीरें ज़मीन पर नहीं, बल्कि आसमान में बन रही हैं – जहां बैलिस्टिक मिसाइलें, हाइपरसोनिक हथियार और आत्मघाती ड्रोन इंसानी अस्तित्व को चुनौती दे रहे हैं।
लेकिन बड़ा सवाल ये है – क्या वजह है कि अमेरिका और इजरायल की धमकियों के बावजूद ईरान पीछे नहीं हट रहा? इसका जवाब है – ईरान की खतरनाक और शक्तिशाली सैन्य ताकत, जो उसे मध्य पूर्व में एक अपराजेय खिलाड़ी बनाती है।
ईरान की सबसे आधुनिक हथियार प्रणाली में शामिल है फतह-1 और फतह-2 हाइपरसोनिक मिसाइलें।
फतह-1 की गति है मैक 5 से ऊपर , यानी ये आवाज की गति से 5 गुना तेज है।
रडार को चकमा देने और इंटरसेप्ट से बचने की इसकी क्षमता इसे दुश्मनों के लिए भयावह बनाती है।
इसकी रेंज 1400 किमी है, जबकि फतह-2 की रेंज 1500 किमी तक मानी जाती है।
ईरान का दावा है कि यह मिसाइल इजरायल के आयरन डोम को भेद सकती है।
खोर्रमशहर बैलिस्टिक मिसाइल – भारी वारहेड के साथ
इस मिसाइल का नाम ईरान के ऐतिहासिक शहर खोर्रमशहर के नाम पर रखा गया है।
यह 2000 किलोमीटर की दूरी तक हमला कर सकती है और 1500 किलोग्राम तक का वारहेड ले जाने में सक्षम है।
यह मिडकोर्स गाइडेंस सिस्टम से लैस है, जिससे यह अपने रास्ते में टारगेट बदल सकती है और बेहद सटीकता से हमला कर सकती है।
इसे क्लस्टर बमों से भी लैस किया जा सकता है।
अराश और शाहेद ड्रोन – आसमान से गिरती मौत
शाहेद-136 ईरान का सस्ता लेकिन बेहद प्रभावशाली आत्मघाती ड्रोन है, जिसकी रेंज 2000 किमी तक है। यह रडार से बचकर टारगेट को तबाह कर सकता है।
अराश-1की रेंज है 800-1000 किमी, और यह 30-40 किलोग्राम विस्फोटक लेकर उड़ता है।
वहीं अराश-2 की रेंज है 2000 किमी और ये 150 किलोग्राम से ज्यादा वारहेड लेकर दुश्मन के सिर पर सीधा गिरता है। इसकी गति 300 किमी/घंटा है और यह GPS-गाइडेड है।
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका जंग में सीधा शामिल होता है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इजरायल को ईरान कड़ा जवाब दे रहा है, और अगर ज़रूरत पड़ी तो और ताकतवर हथियारों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भी तनाव गहराता जा रहा है।
रूस ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को उसका अधिकार बताया है।
चीन ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल की कड़ी आलोचना करते हुए ईरान पर हमलों को खतरनाक करार दिया है।
ईरान अपनी बैलिस्टिक मिसाइल, हाइपरसोनिक तकनीक और सुसज्जित ड्रोन बेड़े के कारण अमेरिका और इजरायल की धमकियों के आगे झुकने को तैयार नहीं है। ये वही हथियार हैं जो अगर जंग में पूरी तरह उतर गए, तो मध्य पूर्व ही नहीं, पूरी दुनिया की शांति खतरे में पड़ सकती है।

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