बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त केएम नूरुल हुदा को ढाका पुलिस ने रविवार, 22 जून 2025 को गिरफ्तार कर लिया। उन पर अपने कार्यकाल के दौरान चुनावों में धांधली और जनता के जनादेश के साथ खिलवाड़ करने का आरोप है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में लोगों ने साफ देख
की है कि, की भीड़ ने हुदा को चारों ओर से घेर लिया।
और उनको जूतों की माला पहनाई , साथ ही अंडे फेंके गए, और गंदी-गंदी गालियों के साथ सड़क पर पीटा गया।
पुलिस मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन जब तक वह पहुंचती, तब तक गुस्साई भीड़ अपना गुस्सा निकाल चुकी थी।
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के डिप्टी कमिश्नर मोहिदुल इस्लाम ने बताया कि हुदा को बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 18 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज केस में गिरफ्तार किया गया है।
यह केस 2014, 2018 और 2024 के आम चुनावों को जनता के मत के बिना जबरन कराने को लेकर दर्ज किया गया है।
‘डेली स्टार’ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह शायद पहली बार है जब किसी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनाव संबंधी कदाचार के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
उत्तरा पश्चिम पुलिस स्टेशन के प्रभारी हफीजुर रहमान ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि भीड़ ने हुदा को घेर लिया है, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तेज प्रतिक्रिया देखने को मिली।
हालात को संभालने के लिए मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार को आधी रात को आधिकारिक बयान जारी करना पड़ा, जिसमें स्थिति को शांत करने की कोशिश की गई।
बीएनपी ने आरोप लगाया है कि हसीना सरकार ने लगातार तीन चुनाव—2014, 2018 और 2024—जनता की मर्जी के खिलाफ कराए, और हुदा ने इन चुनावों की निगरानी कर लोकतंत्र को कमजोर किया।
अब जबकि हसीना सरकार सत्ता से बाहर है, तो एक-एक करके पुराने शासन से जुड़े चेहरों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।
केएम नूरुल हुदा की गिरफ्तारी और उन पर हुआ सार्वजनिक हमला , बांग्लादेश की राजनीति में नए दौर की शुरुआत के संकेत दे रहा है।
जनता का गुस्सा, सड़कों पर उतरती भीड़, और सत्ता के गलियारों से हटे पुराने चेहरे – सब मिलकर एक बड़े बदलाव की आहट दे रहे हैं।

