भारत सरकार ने दोपहिया वाहनों की खरीद से जुड़े नियमों में अहम बदलाव करने की तैयारी कर ली है। अब अगर आप कोई नई बाइक या स्कूटर खरीदते हैं, तो वाहन निर्माता कंपनी को दो सुरक्षात्मक हेलमेट देना अनिवार्य होगा — एक चालक के लिए और एक पीछे बैठने वाले के लिए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस उद्देश्य से केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का मसौदा जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि यह कदम देश में सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है। प्रस्तावित नियमों के अनुसार, जैसे ही ये नियम राजपत्र में अधिसूचित होंगे, तीन महीने के भीतर यह प्रावधान लागू कर दिया जाएगा। मंत्रालय की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि बाइक या स्कूटर खरीदते समय वाहन कंपनी को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा तय मानकों के अनुसार दो हेलमेट देना अनिवार्य होगा। ये हेलमेट सुरक्षा मानकों को पूरा करने चाहिए और केवल उन्हीं लोगों को यह नियम लागू नहीं होगा, जिन्हें मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत छूट प्राप्त है। हेलमेट के साथ-साथ, सरकार ने दोपहिया वाहनों की ब्रेकिंग सुरक्षा को लेकर भी एक और अहम नियम प्रस्तावित किया है। 1 जनवरी 2026 से , सभी L2 श्रेणी के दोपहिया वाहन, यानी जिनकी इंजन क्षमता 50cc से ज्यादा है या जो 50 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार पकड़ सकते हैं, उनमें एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)लगाना अनिवार्य होगा। यह ABS सिस्टम IS14664:2010 मानकों के अनुरूप होना चाहिए, जिससे वाहन पर बेहतर नियंत्रण और आपात स्थिति में फिसलने की आशंका कम हो सके। सरकार ने यह प्रस्ताव 23 जून 2025 को अधिसूचना के रूप में जारी किया, और इसके तहत 30 दिनों के भीतर सभी नागरिक और हितधारक अपने सुझाव या आपत्तियां मंत्रालय को [email protected] पर भेज सकते हैं।
यह प्रस्ताव सरकार की सड़क सुरक्षा अभियान का हिस्सा है, जिसमें हेलमेट और ABS जैसे उपायों को अनिवार्य बनाकर दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और गंभीर चोटों में कमी लाने का लक्ष्य है। दोपहिया वाहन चालकों की संख्या देश में सबसे अधिक है, और इसी वर्ग में दुर्घटनाओं का आंकड़ा भी सबसे ज्यादा होता है।
सरकार को उम्मीद है कि इन बदलावों से ना केवल सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी, बल्कि आम नागरिकों की जान भी सुरक्षित रहेगी।

