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राम जन्मभूमि परिसर में लगे इस प्राचीन पत्थर को नहीं हटाएगा ट्रस्ट

अयोध्या – राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए जगह की साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया गया है. परिसर में लगे प्राचीन पत्थर को न हटाने का निर्णय लिया गया है ट्रस्ट द्वारा कहा गया है की एडवर्ड तीर्थ विवेचनी सभा द्वारा लगाए गए पत्थर 1902 में अयोध्या तीर्थ विवेचन की सभा के माध्यम से लगाया गया था. इसी के बगल में एक कसौटी का खंबा भी लगा है, जो राम जन्मभूमि के जन्म स्थान होने को प्रमाणित करता है. जिसके कारण इस शिलापट को नहीं हटाया जा सका. इसी स्थल से ही भगवान श्री रामलला विराजमान स्थान को चिन्हित किया गया है.

राम जन्म भूमि में विराजमान भगवान श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक परिसर में लगी शिलापट श्री रामलला विराजमान स्थल को चिन्हित करता है. उनके मुताबिक अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा द्वारा राम जन्म स्थान को चिन्हित किया गया था. वही 9 नवंबर को आए फैसले में भी यह शिलापट रामलला के जन्म स्थान होने का प्रमाण देता है, इसलिए अभी तक इस शिलापट को नहीं हटाया जा सका है. यही गर्भगृह स्थल पर विराजमान रामलला के स्थान को दर्शाता है.

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक राम जन्म भूमि के समतलीकरण निकले पुरातत्व के अवशेष और कसौटी के खंभे इन सब को सुरक्षित करके रामलला के श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखे जाएंगे. ऐसी भी योजना श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा बनाई जा रही है.

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