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सशक्त पैरवी से गंभीर अपराधों में मिली आजीवन सजा वही अभियोग में वादी द्वारा न्यायालय में अपने बयान से मुकरने वालों को जुर्माना

बाराबंकी – कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लोकसभा‌गार में जिलाधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में अभियोजन कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर जिलाधिकारी न्यायिक श्री इन्द्रसेन, अपर पुलिस अधीक्षक श्री विकास त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक अभियोजन, शासकीय अधिवक्ता गण एवं अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रमुख आपराधिक, भूमि, राजस्व एवं जनहित से संबंधित मामलों में न्यायालय द्वारा शासन के पक्ष में निर्णय प्राप्त हो, यह हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी शासकीय अधिवक्ता प्रभावी पैरवी करें और विभागीय अधिकारी समयबद्ध ढंग से आवश्यक दस्तावेज व गवाह न्यायालय में प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी कहा कि मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु ठोस कार्ययोजना बनाई जाए।

संयुक्त निदेशक अभियोजन द्वारा जानकारी दी गई कि अभियोजन विभाग द्वारा की गई प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण मामलों में न्यायालय द्वारा कठोर निर्णय दिए गए हैं। मुकदमा अपराध संख्या 288/2018 धारा 306 IPC, मुकदमा अपराध संख्या 202/190 धारा 147,148,452,325,328,504,506,308 IPC, मुकदमा अपराध संख्या 30/18 धारा 307,147,148,149 IPC and 51/52 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 30 आयुध अधिनियम के अभियोग में वादी मुकदमा द्वारा न्यायालय में अपने बयान से मुकर जाने के कारण न्यायालय द्वारा प्रकीर्ण वाद दर्ज कर जुर्माना व सजा कराई गई।मुकदमा अपराध संख्या 60/18 धारा 302/147 भादवि थाना बदोसराय बाराबंकी में 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास से दंडित किया गया। इस वाद का अभियोजन श्री अमित कुमार अवस्थी प्रभारी डीजीसी एवं आशीष गुप्ता adgc द्वारा किया गया।

जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अपने-अपने वादों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए और कहा कि शासकीय अधिवक्ताओं से समन्वय बनाए रखते हुए साक्ष्य व गवाह समय पर प्रस्तुत किए जाएं। ग्राम सभा की भूमि से संबंधित लम्बित वादों की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में शीघ्र उत्तर दाखिल कर निस्तारण सुनिश्चित कराया जाए, ताकि शासन की भूमि पर अतिक्रमण रोका जा सके और जनहित की रक्षा हो।

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