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अपराधिक विषय पर कार्य करने के लिए लॉ, टेक्नोलोजी और फॉरेंसिक का ज्ञान जरुरीः राजीव कृष्णा

लखनऊ – उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिर्सच एन्ड डेवलपमेन्ट भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित वर्टिकल इन्टेरेक्शन कोर्स का शुभारम्भ किया गया। शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 श्री राजीव कृष्णा एवं अति विशिष्ट अतिथि बीपीआर एन्ड डी के एडीजी श्री जोसेफ आर.के. लोक्कू रहें, जिन्हें संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ जी.के.गोस्वामी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 द्वारा प्रशिक्षण हेतु तैयार एडवांस डिजिटल डाईगनोंस्टिक कक्ष का उद्घाटन भी किया गया।

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री राजीव कृष्णा, पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 ने सभागार में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी आपराधिक विषय पर कार्य करने के लिए हमें तीन बेसिक विषयों का ज्ञान होना जरूरी है। जिसमे पहला है कानून, दूसरा टेक्नोलोजी और तीसरा फॉरेंसिक। आज जिस कोर्स का यूपीएसआईएफएस में शुभारम्भ हुआ है उसमे यह विषय समाहित हैं। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह संस्थान बहुत ही कम समय में क्रियाशील होकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति की तरफ दिनों-दिन बढ़ रहा है यह अपने आप में एक मिशाल है क्योकि किसी भी संस्थान की प्रगति उसके लीडरशिप पर निर्भर करती है। 

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि साइबर अपराधी बहुत तेजी से टेक्नोलोजी का प्रयोग कर अपराध को अंजाम दे रहे हैं इस कारण हमारे पुलिस के सभी स्तर को प्रशिक्षण एवं दक्ष करने की आवश्यकता है, इसके लिए हमे गतिमान होकर साइबर तकनीकी को अधिक से अधिक जानना होगा तभी हम साइबर अपराधियों से लड़ पायेगे और अपने अधीनस्थ कर्मियों को गाइड कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब युद्व धरातल पर नहीं हो रहे हैं बल्कि साइबर दुनिया में हो रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों से कहा कि आप यहां से ज्ञान लेकर जाये और अपने सिस्टम में तकनीकी ज्ञान का प्रयोग कर,े जिससे आमजन मानस और पुलिसिंग के लिए ज्ञान वर्धक हो सके।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री रवि जोसेफ लोक्कू अपर पुलिस महानिदेशक बीपीआर एन्ड डी ने कहा कि यह संस्थान सेन्ट्रल संस्थानों के बराबर में खड़ा हो रहा है, जिसके कम समय में तीब्र विकास के लिए डॉ0 जी0के0गोस्वामी धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलोजी को हम अपराध कें नियंत्रण में कैसे प्रयोग कर सकते हैं ? सीखने और समझने के लिए यह संस्थान हमें महत्वपूर्ण अवसर दे रहा है।

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