संसद के मॉनसून सत्र के छठे दिन, 28 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं शशि थरूर और चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी को बोलने का अवसर नहीं दिया। इस मुद्दे पर मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के एक सांसद ने बताया कि पार्टी ने जानबूझकर नए सांसदों को बोलने का मौका दिया। उनका कहना था कि थरूर और तिवारी जैसे नेता पहले सरकार के समर्थन में बोल चुके हैं, जबकि पार्टी अब सरकार की संसद में कड़ी आलोचना चाहती है ताकि विपक्ष की आवाज को और मजबूती मिले। इस रणनीति के तहत कांग्रेस ने उन नेताओं को चुना जो पार्टी लाइन के साथ चलें।
मनीष तिवारी की एक्स पोस्ट:
मनीष तिवारी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए एक्स पर लिखा,
“है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं। भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं।”
इस पोस्ट के जरिए उन्होंने देशहित की बात करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी के फैसले पर सवाल उठाए। उनकी इस पोस्ट ने कांग्रेस के आंतरिक मतभेदों को उजागर किया और विपक्षी रणनीति पर चर्चा को तेज कर दिया।
यह घटनाक्रम कांग्रेस के भीतर नेतृत्व और रणनीति को लेकर चल रही खींचतान को दर्शाता है, जिसका असर संसद में विपक्ष की भूमिका पर भी पड़ सकता है।

