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पति की मौत के बाद पत्नी होगी पारिवारिक पेंशन की हकदार- इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पति की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी, भले ही उसका नाम पेंशन नामांकन पत्र में न हो। कोर्ट ने यह निर्णय श्रीमती उर्मिला सिंह की याचिका पर सुनाया, जिसमें वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा, मिर्जापुर द्वारा 21 सितंबर 2020 को पारिवारिक पेंशन अस्वीकार करने के आदेश को रद्द कर दिया गया।

न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि महिला विधिसम्मत रूप से मृत सरकारी कर्मचारी की पत्नी है, तो केवल नामांकन पत्र में नाम न होने के आधार पर उसे पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने पुष्टि की कि याचिकाकर्ता स्वर्गीय प्रभु नारायण सिंह की कानूनी पत्नी हैं, जैसा कि ग्राम प्रधान के प्रमाणपत्र और परिवार न्यायालय के निर्णय से सिद्ध होता है।

न्यायालय ने कहा, “याचिकाकर्ता के पास जीविकोपार्जन का कोई अन्य साधन नहीं है, इसलिए वह पारिवारिक पेंशन की हकदार है।” कोर्ट ने प्रतिवादी को तत्काल पेंशन प्रदान करने का निर्देश दिया। यह फैसला केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के तहत पारिवारिक पेंशन के प्रावधानों को और मजबूत करता है, जो विधवा पत्नी को प्राथमिक हकदार मानता है।

इसके अतिरिक्त, एक अन्य मामले में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पहली पत्नी को पारिवारिक पेंशन में प्राथमिकता दी जाएगी, विशेष रूप से तब जब कर्मचारी ने एक से अधिक शादियां की हों। यह निर्णय सुल्ताना बेगम की याचिका पर दिया गया, जहां कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को दो महीने में पहली पत्नी को पेंशन देने का निर्णय लेने का निर्देश दिया।

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