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दिव्यांग कैडेट्स की दुर्दशा पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से कड़ा सवाल: क्या है उनके लिए बीमा और पुनर्वास की कोई योजना?

सुप्रीम कोर्ट ने उन दिव्यांग कैडेट्स की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है, जो सैन्य प्रशिक्षण के दौरान गंभीर रूप से घायल होकर दिव्यांग हो गए हैं। कोर्ट ने पूछा कि इन कैडेट्स के लिए बीमा और पुनर्वास की कौन सी योजनाएं उपलब्ध हैं और क्या उनकी समस्या का समाधान सरकार के पास है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि 20 ऐसे कैडेट हैं जिन्हें पांच सालों में छुट्टी दे दी गई है। ईएसएम दर्जा पाने वाले सैनिकों के विपरीत, इन दिव्यांग अधिकारी कैडेट्स को दिव्यांगता की प्रकृति के अनुसार प्रति माह करीब 40,000 रुपये तक का अनुग्रह राशि मिलती है, जो उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए कम पड़ती है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से फिर से कहा है कि दिव्यांग कैडेट्स के लिए मेडिकल खर्च, बीमा, पुनर्वास व उनकी सेवा में सुधार के लिए ठोस योजनाएं बनाएं और शीघ्र कार्यवाही करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि उनके सम्मान और जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।

यह मामला विशेष रूप से उन कैडेट्स की दुर्दशा को उजागर करता है, जो देश की सेवा के दौरान दिव्यांग हो गए, फिर भी उन्हें न्यायिक व सरकारी समर्थन की सही मात्रा नहीं मिल पा रही है।

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