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मायावती ने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अलग-अलग जातियों के नेताओं की नियुक्ति

लखनऊ – बसपा प्रमुख मायावती ने 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है,उत्तर प्रदेश सरकार पर अपराध में लगाम न लगा पाने को लेकर मायावती ने सरकार जमकर हमला बोला, मंगलवार को उन्होंने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों की वजह से समाज के हर वर्ग के पीड़ित व दुखी लोगों को न्याय दिलाने के लिए पार्टी ने जाति के हिसाब से नेताओं को नियुक्त किया है.

मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी सरकार की तरह ही बीजेपी सरकार में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब सूबे 75 जिलों में कोई बड़ी या छोटी आपराधिक वारदात न घटित होती हो. उन्होंने कहा कि बसपा उनके लिए न्याय की लड़ाई लड़ेगी. इसके लिए पार्टी के हर जाति के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

मायावती ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह से प्रदेश में आपराधिक वारदातें हो रही हैं, उस स्थिति में उनका हर जगह पहुंच पाना मुमकिन नहीं है. इसलिए पार्टी वारदातों की संवेदनशीलता को देखते हुए नेताओं की जिम्मेदारी तय की है. बाड़ी वारदात होने पर ये अधिकृत नेता पीड़ित के घर जाएंगे. उनसे जानकारी हासिल कर पुलिस से संपर्क कर परिवार को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.

मायावती ने कहा कि ख़राब कानून-व्यवस्था से दुखी व पीड़ित लोगों की मदद और न्याय दिल्लाने के लिए ये व्यवस्था करनी पड़ रही है. इस व्यवस्था के तहत उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी धरना प्रदर्शन नहीं होगा. कर्फ्यू की स्थिति में पीड़ित के घर नहीं जायेंगे. कर्फ्यू हटने के बाद ही जायेंगे. न्याय नहीं मिलने पर विधानसभा सत्र के दौरान दोनों सदनों में मुद्दे को उठाया जायेगा. पार्टी ने प्रत्येक समाज के हिसाब से नेताओं को अधिकृत किया है. दलित व आदिवासी वर्ग के लिए दयाचरण दिनकर, पिछड़ा वर्ग के लिए लालजी वर्मा, मुस्लिम समाज के लिए शमसुद्दीन राईन व प्रदेश अध्यक्ष मुनकर अली और ब्राहमण समाज व अन्य अपर कास्ट के लिए सतीश चंद्र मिश्रा अधिकृत होंगे.

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