आज पितृ पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो हिंदू धर्म में पितरों की तृप्ति और आशीर्वाद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेगा और पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र में स्थित रहेगा, जिससे धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन बेहद शुभ माना गया है।
पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा, जिसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान किए गए श्राद्ध कर्म से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
द्वितीया तिथि का श्राद्ध विशेषकर उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुई हो। इस दिन तिल और सत्तू का विशेष महत्व माना जाता है। तिल मिलाकर सत्तू का तर्पण दक्षिण-पश्चिम दिशा में करना अत्यंत शुभ होता है।
ज्योतिष के अनुसार, आज चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करेगा, जिससे भावनात्मक चेतना और आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि होगी। पूर्वाभाद्रपदा नक्षत्र की वजह से आज का दिन विशेष रूप से पवित्र कार्यों और पूजा के लिए उपयुक्त है।
राशिफल और उपाय
मेष राशि: आज परिवार के कामकाज में सफलता मिलेगी। पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मण को भोजन कराएं।
वृषभ राशि: आर्थिक लाभ के योग बन रहे हैं। लाल वस्त्र धारण करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मिथुन राशि: मानसिक स्थिति में सुधार होगा। सोमवार को हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं।
कर्क राशि: नौकरी या व्यापार में उन्नति होगी। पित्र दोष निवारण के लिए तिल के दान का विधान करें।
सिंह राशि: मनोकामना पूर्ण होगी। शोकमय स्थानों पर जल दान करें।
कन्या राशि: स्वास्थ्य में सुधार होगा। हनुमान मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं।
तुला राशि: धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। दान-पुण्य अधिक करें।
वृश्चिक राशि: भाग्य मजबूत होगा। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें।
धनु राशि: पारिवारिक विवाद सुलझेंगे। पितृ पक्ष में पिंडदान अवश्य करें।
मकर राशि: यात्रा योग बन रहे हैं। हनुमान जी का हरी चालीसा नियमित पढ़ें।
कुंभ राशि: आध्यात्मिक प्रगति होगी। तर्पण और श्राद्ध का विधान पक्का करें।
मीन राशि: आज चंद्रमा आपकी राशि में है, जिससे मानसिक शांति मिलेगी। सरसों का दान करें।
लकी रंग और अंक
आज का लकी रंग लाल और नारंगी है। लकी अंक 9 और 3 विशेष लाभकारी होंगे।
पितृ पक्ष अवधि में श्राद्ध-तर्पण के साथ साथ सेवा, दान और ध्यान भी करें। इससे न केवल पूर्वज प्रसन्न होंगे, बल्कि आपकी जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।

