महाराष्ट्र की राजनीति में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने एक बार फिर अपने कदम तेज कर दिए हैं। 10 सितंबर 2025 से शिवसेना पूरे महाराष्ट्र में एक बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करने जा रही है। इस आंदोलन के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जिनकी वजह से पार्टी ने यह फैसला लिया है।
शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह आंदोलन राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों, विशेषकर महायुति सरकार के कारभार और गरीब-आदिवासियों के खिलाफ हो रही अन्याय के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में विकास के नाम पर केवल कुछ वर्ग विशेष को लाभ मिल रहा है, जबकि आम जनता भूख, बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रही है।
पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि वह महाराष्ट्र के हर जिले, तहसील और शहर में जाकर जनता के बीच अपनी आवाज़ पहुंचाएगी। पार्टी ने ‘शिवभोजन थाली’ अभियान को भी शुरू किया है, जिसके तहत गरीबों के लिए सस्ती और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की जा रही है। यह कदम सरकार की जनविरोधी नीतियों की जोरदार आलोचना के रूप में देखा जा रहा है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत और प्रदेश अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ नेता इस आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ता और कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि आंदोलन पूरी ताकत के साथ प्रदेशभर में चलाया जा सके।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उद्धव ठाकरे शिवसेना के इस आंदोलन की शुरुआत कर महाराष्ट्र में महायुति सरकार को चुनौती देना चाहते हैं, खासकर अगले विधानसभा चुनाव से पहले। यह आंदोलन पार्टियों के बीच असंतोष और राजनीति के बदलते समीकरणों को दर्शाता है।
पिछले कुछ महीनों से महाराष्ट्र में सामाजिक-आर्थिक मुद्दे बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें किसान आंदोलन, महंगाई, बेरोजगारी और जातीय तनाव प्रमुख हैं। इन मुद्दों पर शिवसेना ने सरकार को लगातार घेरा है और अब आंदोलन के माध्यम से अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है।

