पंजाब में भारी बाढ़ के कारण हुई तबाही के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब सरकार ने ‘पंजाब का अपमान’ और ‘क्रूर मजाक’ करार दिया है। राज्य सरकार और राजनीतिक नेता इस रकम को बाढ़ के वास्तविक नुकसान की अपेक्षा काफी कम मान रहे हैं।
पंजाब के राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया ने कहा कि पंजाब को हुए नुकसान का आंकड़ा करीब 60 हजार करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें बर्बाद हुई फसलें, टूटे-फूटे मकान, क्षतिग्रस्त सड़कों समेत अन्य अवसंरचना शामिल है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन ने केंद्र से कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिससे राज्य को पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में मदद मिल सके।
AAP के मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने भी राहत पैकेज को कमतर आंकते हुए कहा कि 1,600 करोड़ रुपये से पूरे राज्य की बाढ़ प्रभावित जनता की ज़रूरतें पृाप्त नहीं होंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस कदम को पंजाब के लोगों के प्रति अनादर बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरदासपुर सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीमों से मुलाकात की। पीड़ित परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा और गंभीर घायल लोगों को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की भी घोषणा की गई।
सरकार ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नुकसान ग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों के मरम्मत और स्कूलों की बहाली के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
राजनीतिक मतभेदों के बीच पंजाब के पुनर्निर्माण के लिए व्यापक पैकेज की मांग जोर पकड़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राहत राशि पर्याप्त और व्यवस्थित नहीं हुई, तो प्रभावित परिवारों की स्थिति और दयनीय होगी।

