पंजाब इस समय गंभीर बाढ़ संकट से जूझ रहा है। कई जिलों में नदियां उफान पर हैं और गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। प्रशासनिक मशीनरी बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई है, लेकिन इस कठिन समय में आम लोग भी आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एक युवक ने जो काम किया, उसने पूरे राज्य का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। बताया जा रहा है कि इस युवक ने अपनी जान जोखिम में डालकर दर्जनों लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। वह खुद नाव और रस्सों की मदद से गांव-गांव जाकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को बचाता रहा।
गांववालों के अनुसार, जब तक प्रशासनिक टीमें वहां नहीं पहुंची थीं, तब तक यह युवक ही राहत और बचाव का सहारा बना हुआ था। लोगों ने उसे “जीवित फरिश्ता” कहकर संबोधित किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अस्पताल से ही इस मददगार से वीडियो कॉल पर बात की और उसका हौसला बढ़ाया। सीएम मान ने कहा,
“आपने जिस साहस और मानवीय संवेदना का परिचय दिया है, वह पंजाब की असली पहचान है। आपने कमाल कर दिया, और आपके जैसे लोग इस मुश्किल समय में करोड़ों दिलों को प्रेरित करते हैं। राज्य सरकार आपके साथ है और आपके इस अद्भुत योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।”
बाढ़ प्रभावित इलाकों में केवल प्रशासन ही नहीं, बल्कि सैकड़ों स्थानीय लोग भी राहत कार्यों में जुटे हैं। कई जगहों पर गुरुद्वारे और एनजीओ लगातार लंगर चला रहे हैं, वहीं छात्र और सामाजिक संगठन राशन, कपड़े और दवाइयां पहुंचा रहे हैं। इस निस्वार्थ सेवा ने पंजाब की सरबत दा भला की परंपरा को जीवंत कर दिया है।
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में विशेष मेडिकल कैंप, अस्थायी शेल्टर होम और पशुओं के लिए चारा व्यवस्था करने का दावा किया है। हालांकि, कई गांव अब भी संपर्क से कटे हुए हैं और वहां तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। केंद्र से भी अतिरिक्त राहत की मांग की गई है।
ऐसे समय में जब लोग अपनों को खो रहे हैं और घर उजड़ रहे हैं, इस युवक जैसे मददगार इंसान लोगों में भरोसा और हिम्मत पैदा कर रहे हैं। बाढ़ त्रासदी ने भले ही पंजाब को मुश्किल दौर में डाल दिया हो, लेकिन मानवता और भाईचारे की मिसालों ने उम्मीद की रोशनी जगा दी है।

