पंजाब के मोगा नगर निगम में स्वच्छ भारत अभियान के तहत मिले 25 नई कचरा उठाने वाली गाड़ियों, 2 ट्रैक्टरों और अन्य उपकरणों का उपयोग अभी तक नहीं हो पाया है। करीब 7 महीने से ये आधुनिक साधन निगम के डिपो में धूल फांक रहे हैं और उनकी हालत कबाड़ जैसी हो चुकी है। कई गाड़ियों की बैटरी गायब हो चुकी है और कुछ गाड़ियों का पता तक नहीं चल पा रहा है।
इस लापरवाही की वजह से करोड़ों रुपए आम जनता के कर से बर्बाद हो रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान की यह योजना शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए थी, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी और प्रशासनिक सुस्ती के कारण राज्यों का बड़ा संसाधन बेकार पड़ा है।
समाजसेवी सोनू अरोड़ा ने इस मामले पर कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि मोगा नगर निगम ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही ने इसे प्रभावित किया है। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में विजिलेंस जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मोगा के मेयर बलजीत सिंह चन्नी ने स्वीकार किया है कि अभी कुछ गाड़ियों की बैटरी की समस्या है और वे चार्जिंग के लिए भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से कचरा उठाने के लिए ठेकेदारी सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है, इसलिए फिलहाल इन गाड़ियों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। मेयर ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी गाड़ियों को नियमित रूप से उपयोग में लाया जाएगा ताकि शहरवासियों को बेहतर सफाई सेवा मिल सके।
इस लापरवाही के कारण शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है। पुरानी गाड़ियां और संसाधन ठप्प होने के कारण कचरे का उचित निपटान नहीं हो पा रहा है। नगर निगम की इस अनदेखी की वजह से शहर की जनता असंतुष्ट है और आने वाले महीनों में प्रशासन पर दबाव बढ़ने की संभावना है।

