कोलकाता – पश्चिम बंगाल में बुजुर्गों को घर-घर खाना पहुंचाने की स्कीम बेहद लोकप्रिय हो गई है. लॉकडाउन के दौरान बुजुर्गों को मदद करने के लिए ये स्कीम शुरू की गई थी. इसके तहत पके हुए खाने की घर तक डिलिवरी की जाती है. अब इस स्कीम का फायदा 80 परिवारों को हो रहा है. पश्चिम बंगाल व्यापक क्षेत्र विकास निगम की तरफ से ये योजना वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए शुरू की गई है. ये डिपार्टमेंट पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के तहत एक स्वायत्त संगठन है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक साल्टलेक में CADC के कार्यालय की कैंटीन से इसे चलाया जाता है. फिलहाल नादिया जिले की आठ महिलाओं द्वारा इसे चलाया जा रहा है. सारे ऑर्डर कुछ घंटे पहले वाट्सऐप पर लिए जाते हैं. एक शाकाहारी भोजन, जिसमें चावल या रोटी, दाल, भाजी और सब्जी शामिल हैं, इसकी कीमत 35 रुपये है, और एक मांसाहारी मटन थाली 85 रुपये की है. कैंटीन में चाय और नाश्ते की भी व्यवस्था है.
साल्ट लेक निवासी 78 साल के निरंजन चौधरी, जो अपनी पत्नी के साथ रहते हैं वो इस कैंटीन के नियमित ग्राहकों में से हैं. वे कहते हैं कि वो सप्ताह में दो से तीन बार ऑर्डर देते हैं और उनका कहना है कि खाना सस्ता भी है और मसाला भी कम होता है. ये घर की खाने की तरह है. अधिकारियों का कहना है कि कैंटीन को फरवरी में सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों को भोजन देने के लिए शुरू किया गया था.