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Bihar Election के लिए ओवैसी का बड़ा दांव, अब इस राजनीतिक दल के साथ मिलकर बनाएंगे थर्ड फ्रंट

बिहार की सियासत में इस बार नया समीकरण तैयार होता दिख रहा है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है। ओवैसी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ गठबंधन की घोषणा करते हुए राज्य में एक मजबूत थर्ड फ्रंट बनाने का ऐलान किया है।

ओवैसी ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार को अब दो ध्रुवीय राजनीति से आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने साफ कहा कि नया गठबंधन गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की आवाज़ बनेगा। इस मंच के जरिए AIMIM सीमांचल की परिधि से निकलकर इस बार राज्य की 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

ओवैसी ने मौर्य के राजनीतिक अनुभव की सराहना करते हुए कहा, “बिहार में परिवर्तन तभी संभव है, जब वंचित समाज की शक्ति को एक मंच पर लाया जाए। हमारा उद्देश्य सत्ता नहीं, असली प्रतिनिधित्व है।”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि मौजूदा राजनीतिक दल जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं, इसलिए एक नए विकल्प की जरूरत है। उन्होंने एलान किया कि दोनों दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर काम करेंगे, जिसमें रोज़गार, शिक्षा, सांप्रदायिक सौहार्द, और सामाजिक न्याय पर विशेष फोकस रहेगा।

सूत्रों की मानें तो थर्ड फ्रंट में दूसरे छोटे दलों के साथ बातचीत जारी है। AIMIM और मौर्य के दल के बीच सीट बंटवारे पर शुरुआती सहमति बन चुकी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, सीमांचल की 15 सीटों पर AIMIM, जबकि पश्चिमी बिहार और मध्य क्षेत्र में मौर्य का संगठन उम्मीदवार उतारेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह गठबंधन जमीनी स्तर पर सक्रिय हो गया, तो यह पारंपरिक राजनीतिक दलों – राजद, जदयू, और भाजपा – के लिए चुनौती बन सकता है।
प्रदेश के राजनीतिक माहौल में अचानक आए इस मोड़ ने चुनावी समीकरणों को एक नई दिशा दे दी है।

अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि यह नया गठबंधन कितना प्रभावी साबित होता है और क्या यह वाकई बिहार की राजनीति में तीसरा विकल्प बन पाने में सफल होगा।

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