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सुशासन संवाद में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी l

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंगलवार को राजधानी रायपुर में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर, विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य शासन के नवाचारों को जनता-केंद्रित बनाना और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बढ़ाना था।

CM साय ने कहा कि सुशासन तभी संभव है जब प्रशासनिक व्यवस्था पूरी ईमानदारी और जवाबदेही के साथ जनता तक पहुंचे। उन्होंने जिलों में चल रहे नवाचारों की विस्तृत समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर नवाचार का फोकस “जनसेवा” पर होना चाहिए, न कि केवल सिस्टम सुधार पर।
उन्होंने डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए ई-ऑफिस, ऑनलाइन शिकायत निस्तारण प्रणाली, और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के कड़ाई से पालन पर विशेष बल दिया।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जनता को निर्धारित समय सीमा में सेवाएं मिलनी चाहिए। यदि किसी अधिकारी की लापरवाही से देरी होती है, तो जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा, “सरकार की प्राथमिकता है कि हर नागरिक को उसकी हकदार सेवा समय पर और पारदर्शी तरीके से मिले।”

कार्यक्रम में बस्तर, कोरबा, रायगढ़ और बिलासपुर जिलों ने अपने अभिनव प्रोजेक्ट्स की प्रस्तुति दी — जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल सेवा केंद्र, महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन कार्यक्रम और डिजिटल हेल्थ कार्ड जैसी पहलें शामिल थीं। मुख्यमंत्री ने इन नवाचारों की सराहना की और कहा कि ऐसे मॉडल अन्य जिलों में भी लागू किए जाएं।

CM विष्णुदेव साय ने कहा कि “सुशासन संवाद” का उद्देश्य केवल समीक्षा नहीं, बल्कि बेहतर प्रशासनिक मॉडल तैयार करना है। आने वाले महीनों में प्रदेश स्तर पर ऐसे संवादों का आयोजन ज़िला-दर-ज़िला किया जाएगा ताकि प्रशासनिक दक्षता और जनता का भरोसा दोनों मजबूत हो सकें।

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