नागपुर – आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज विजयादशमी के मौके पर संबोधन के दौरान कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने,CAA और राम मंदिर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में जितने भी विषयों पर चचार्एं हो रहीं थीं, वह सब कोरोना काल में दब गईं.
कोरोना के कारण नागपुर के रेशमबाग में सिर्फ 50 स्वयंसेवकों के साथ आयोजित इस कार्यक्रम को लेकर मोहन भागवत ने कहा कि संघ के इतिहास में पहली बार इतने कम स्वयंसेवकों की उपस्थिति में यह उत्सव हो रहा है. मोहन भागवत का संबोधन सुनने के लिए देश और दुनिया के स्वयंसेवक ऑनलाइन जुड़े.
भागवत ने कहा कि मार्च महीने में लॉकडाउन शुरू हुआ. बहुत सारे विषय उस दौरान दुनिया में चर्चा में थे. वे सारे दब गए. उनकी चर्चा का स्थान महामारी ने ले लिया. मोहन भागवत ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और संसद में पास हुए नागरिकता संशोधन कानून का भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, विजयादशमी के पहले ही 370 प्रभावहीन हो गया था. संसद में उसकी पूरी प्रक्रिया हुई. वहीं विजयादशमी के बाद नौ नवंबर को राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का असंदिग्ध फैसला आया. जिसे पूरे देश ने स्वीकार किया. पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण का जो पूजन हुआ, उसमें भी, उस वातावरण की पवित्रता को देखा और संयम और समझदारी को भी देखा.
नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए उन्होंने कहा की यह कानून संसद की पूरी प्रक्रिया के बाद पास हुआ. पड़ोसी देशों में दो तीन देश ऐसे हैं, जहां सांप्रदायिक कारणों से उस देश के निवासियों को प्रताड़ित करने का इतिहास है. उन लोगों को जाने के लिए दूसरी जगह नहीं है, भारत ही आते हैं. विस्थापित और पीड़ित यहां पर जल्दी बस जाएं, इसलिए अधिनियम में कुछ संशोधन करने का प्रावधान था. जो भारत के नागरिक हैं, उनके लिए कुछ खतरा नहीं था.