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सुप्रीम कोर्ट ने दी ‘अर्णब गोस्वामी’ को जमानत

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने 2018 के आत्महत्या के लिये उकसाने के मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को बुधवार को अंतरिम जमानत देते हुये कहा कि अगर व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बाधित किया जाता है तो यह न्याय का उपहास होगा. शीर्ष अदालत ने विचारधारा के आधार पर लोगों को निशाना बनाने के राज्य सरकारों के रवैये पर गहरी चिंता व्यक्त की.

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने अर्नब गोस्वामी के साथ ही इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों-नीतीश सारदा और प्रवीण राजेश सिंह- को भी 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया. पीठ ने इन्हें यह निर्देश भी दिया कि वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और जांच में सहयोग करेंगे. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि ये आरोपी इस मामले में किसी भी गवाह से मिलने का प्रयास नहीं करेंगे. पीठ ने कहा कि इन सभी की रिहाई में विलंब नहीं होना चाहिए और जेल प्रशासन को इसे सुगम बनाना चाहिए.

पीठ ने कहा कि निजी मुचलका मजिस्ट्रेट की अदालत में देने की बजाय तलोजा जेल के अधीक्षक को देना होगा. रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी ने बंबई उच्च न्यायालय के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें और दो अन्य आरोपियों को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुये कहा गया था, ‘इसमें हमारे असाधारण अधिकार का इस्तेमाल करने के लिये कोई मामला नहीं बनता है.’

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