लखनऊ- आज धनतेरस का पर्व है यह पर्व कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान धनवंतरी, कुबेर की पूजा की जाती है. इसी दिन रात में यम दीप भी जलाया जाता है. मान्यता है कि धनतेरस पर कुछ चीजों को खरीदने पर अक्षय फल मिलता है.इस दिन कुछ खास चीजों को घर में खरीदकर लाना बहुत ही शुभ होता है. खासतौर पर इस दिन पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन खरीदारी करने का सही समय.
पंचांग भेद के कारण इस बार धनतेरस को लेकर असमंजस बना हुआ है। कुछ लोग 12 तो कुछ 13 नवंबर को ये पर्व मनाएंगे। वाराणसी, तिरुपति और उज्जैन के ज्योतिषियों के मुताबिक, इस बार त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की शाम से शुरू होगी, जो 13 नवंबर को दोपहर करीब 3 बजे तक रहेगी।
इस कारण 12 नवंबर को प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि होने से इसी दिन शाम को भगवान धन्वंतरि की पूजा और यम दीपक लगाकर धनतेरस पर्व मनाना चाहिए। जो त्रयोदशी तिथि में खरीदारी करना चाहते हैं, वो 13 नवंबर को कर सकते हैं।
धनतेरस के दिन झाड़ू जरूर खरीदें. झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. इससे दरिद्रता का नाश होता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने पर घर में सकारात्मकता का संचार होता है.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, धनतेरस पर शाम के समय लक्ष्मी और कुबेर की पूजा व यम दीपदान के साथ ही खरीदी के लिए भी श्रेष्ठ समय रहेगा। धनतेरस पर खरीदारी की परंपरा होने से पूरे दिन खरीदी की जा सकती है।
परिवार में समृद्धि को अक्षत रखने की कामना से ही इस दिन चांदी के सिक्के, गणेश व लक्ष्मी प्रतिमाओं की खरीदारी करना शुभ होता है। साथ ही सोने-चांदी की चीजें खरीदने की भी परंपरा है। इसके अलावा पीतल, कांसे, स्टील व तांबे के बर्तन भी खरीदने की प्रथा है।
धन्वंतरि भी इसी दिन अवतरित हुए थे, इसी कारण भी इस दिन को धनतेरस कहा गया है। समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि कलश में अमृत लेकर निकले थे, इसलिए इस दिन धातु के बर्तन खरीदते हैं।
भगवान धन्वंतरि को पूजा सामग्री के साथ औषधियां चढ़ानी चाहिए। औषधियों को प्रसाद के तौर पर खाने से बीमारियां दूर होती हैं.भगवान धन्वंतरि को कृष्णा तुलसी, गाय का दूध और उससे बने मक्खन का भोग लगाना चाहिए।पूजा में लगाए गए दीपक में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए।
सूर्यास्त के बाद यमराज के लिए दीपदान जरूर करना चाहिए। इसके लिए आटे से चौमुखा दीपक बनाना चाहिए। उसमें सरसों या तिल का तेल डालकर घर के बाहर दक्षिण दिशा में या दहलीज पर रखना चाहिए। ऐसा करते हुए यमराज से परिवार की लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए,स्कंद पुराण के मुताबिक, धनतेरस पर यमदेव के लिए दीपदान करने से परिवार में अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता।