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देश में संपूर्ण लॉकडाउन की फ़िलहाल जरुरत नहीं- प्रधानमंत्री

नई दिल्ली – कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअली बैठक करि,बैठक के दौरान उन्होंने कहा की लोग वैक्सीन लगवाने के बाद भी लापरवाही ना बरतें. उन्होंने कहा कि आसपास के लोगों को वैक्सीन के प्रति बढ़ावा दें. इसके साथ ही पीएम ने कहा कि समाज के प्रभावी लोग इस अभियान में सामने आए. पीएम मोदी ने कहा कि ‘दवाई’ भी और ‘कड़ाई’ भी की जरुरत है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव मनाएं. लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा की अभी संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहीं है. हमे कोविड-19 का एक बड़ा हिस्सा वैक्सीन मैनेजमेंट वेस्टेज को रोकना भी है. उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत वैक्सीन लगाने का प्रयास हो. पीएम मोदी ने कहा कि एंबुलेंस, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की भी समीक्षा करनी होगी.

राज्यों में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते मामलो को ध्यान में रखते हुए कहा की कोरोना के मरीजों के बढ़ने पर राज्य दबाव में ना आएं. उन्होंने कहा कि कोरोना के टेस्ट सही ढंग से किए जाएं. कंटेनमेंट जोन में हर व्यक्ति की जांच हो. उन्होंने कहा कि जहां संख्या ज्यादा है वहां पर ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं.कोरोना से बाहर निकलने का रास्ता टेस्टिंग है. उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट 70 फीसदी RT-PCT टेस्टिंग की है. आरटी-पीसीआर टेस्ट को बढ़ाए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस करना होगा. उन्होंने कहा कि 72 घंटे मे 30 कांटैक्ट ट्रेसिंग की जरूरत है.

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्रियों का सुझाव जरूरी है. एक बार फिर से चुनौतीपूर्ण स्थिति बन रही है, शासन व्यवस्था में सुधार जरूरी है. लोग लापरवाह दिख रहे हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाइट कर्फ्यू की वकालत करते हुए कहा कि इसकी जगह हमें कोरोना कर्फ्यू शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे लोगों में संदेश जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या कोरोना सिर्फ रात में फैलता है तो मैं कहना चाहता हूं कि नाइट कर्फ्यू का फॉर्मूला दुनियाभर में आजमाया गया है और यह प्रभावी है.

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