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कोविड वैक्सीन स्पुतनिक-V की पहली खेप 1 मई को भारत आएगी

नई दिल्ली – कोरोना वायरस से भारत में बिगड़ते हालातों के बीच कई देश मदद के लिए आगे आए हैं। अमेरिका ने वैक्सीन के लिए जरूरी रॉ मटेरियल सप्लाई करने का वादा किया है तो ब्रिटेन और फ्रांस से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आ रहे हैं। इस बीच वायरस के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार मानी जा रही वैक्सीन पर रूस से अच्छी खबर आई है। भारत को रूस की स्पुतनिक-V वैक्सीन की पहली खेप 1 मई को मिल जाएगी।

देश में अचानक आई वैक्सीन की कमी को देखते हुए भारत सरकार ने इसे मंजूरी दी थी। वैक्सीन के प्रोडक्शन और प्रचार का काम रूसी डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) कंपनी देख रही है। RDIF के सीईओ किरिल दिमित्रिएव ने कहा है कि अभी भारत में हर महीने 5 करोड़ डोज बनाए जाएंगे। गर्मी का महीना बीतने के बाद कंपनी प्रोडक्शन और बढ़ाएगी। भारत के 5 बड़े वैक्सीन निर्माताओं के साथ एक साल में 85 करोड़ (850 मिलियन) डोज बनाने का करार किया गया है।

स्पुतनिक-V बनाने वाले गैमेलिया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी का दावा है कि कोरोना से लड़ने में वैक्सीन 95% असरदार साबित हुई है। ट्रायल में वैक्सीन ने पहला डोज देने के 28 दिन बाद 91.4% इफेक्टिवनेस दिखाई। पहले डोज के 42 दिन बाद यह बढ़कर 95% हो गई। वैक्सीन के दो डोज 39 संक्रमितों के अलावा 18,794 दूसरे मरीजों को दिए गए थे। रूस के लोगों के लिए ये वैक्सीन फ्री है। दुनिया के दूसरे देशों के लिए इसकी कीमत 700 रुपए से कम तय की गई है। कंपनी का कहना है कि स्पुतनिक-V की संभावित कीमत दूसरी वैक्सीन के मुकाबले काफी कम है।

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