मुंबई- हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म आदिपुरुष को दर्शकों के जबरदस्त आक्रोश का सामना करणा पड़ रहा है , हनुमान जी के मुख से लोगों को ‘जलेगी तेरी बाप की’ जैसे संवाद लोगों की भावनाएं आहत कर रही हैं. डायरेक्टर ओम राउत पहले ही लंकेश, राघव और जानकी के लुक को अपनी किरकिरी करा चुके हैं. अब इसके राइटर मनोज मुन्तशिर अपने सड़कछाप संवादों के चलते लोगों के निशाने पर हैं. फिल्म रिलीज के बाद पहले तो मनोज ने बेतुके तर्क से अपने लेखन को सही ठहराने की कोशिश की लेकिन उससे भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. अब मनोज का कहना है कि वह लोगों की भावनाएं को ध्यान में रखते हुए संवाद बदलने के लिए तैयार हैं. इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्विटर के जरिए दी है.
मनोज ने ट्विटर पर लिखा, रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना. सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं. उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं. मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे. वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया. मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे. शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों.मनोज मुन्तशिर ने कहा हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे.