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UP : भूख हड़ताल पर बैठा किसान ‘बोला जब तक रहेगा शरीर मे खून का कतरा – कतरा’, नहीं होने दूंगा बच्चों के भविष्य को खतरा

शामली : उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर एक किसान डीसीओ कार्यालय पर पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा है जिसका कहना है कि जब तक उसके शरीर में खून का कतरा कतरा रहेगा तब तक वह बच्चों के भविष्य को खतरा नहीं होने देगा क्योंकि इस शुगर मिल की वजह से उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है फीस न जमा हो पाने के कारण उनके बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है और बच्चे इधर-उधर वाहियात घूमने को मजबूर हो रहे हैं।

दरअसल आपको बता दे कि पूरा मामला जनपद शामली के डीसीओ कार्यालय का है जहां पर गांव कुड़ाना निवासी जयपाल सिंह उम्र करीब 80 वर्ष पिछले चार दिनों से DCO कार्यालय पर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं जिनका कहना है कि जब तक किसानों कब बकाया करना मूल्य भुगतान नहीं हो जाता तब तक वह अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे। जयपाल सिंह का यह भी कहना है कि शामली शुगर मिल द्वारा उनका गन्ना पेमेंट को समय से न करने पर उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है उनके बच्चों को उनकी फीस जमाने होने के कारण स्कूलों से निकाला जा रहा है और फिर बच्चे इधर-उधर वाहियात घूमने को मजबूर है। जयपाल सिंह का कहना है कि इस बात से परेशान होकर मजबूरी में उन्हें शामली DCO कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है क्योंकि जब तक उनके शरीर में खून का कतरा – कतरा रहेगा तब तक वह अपने बच्चों के भविष्य को खतरा नहीं होने देंगे। और वह कोशिश करेंगे कि वह अब अपने बच्चों को वाहियात नहीं होने देंगे और शुगर मिल से गन्ना पेमेंट लेकर रहेंगे और अपने आप को शुगर मील की गुलामी से आज़ाद कराएंगे।

बता दे की शामली जनपद में तीन शुगर मिल है जिनमें तीनों शुगर मिल पर किसानों का पिछले सत्र का करीब 619.33 करोड रुपए किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है जिसमें शामली शुगर मिल पर 254.95 करोड़, ऊन शुगर मिल पर 122.80 करोड़ व थाना भवन शुगर मिल पर 242. 17 करोड रुपए किसानों का बकाया है। शुगर मिल पर किसानों का पिछले सत्र का करोड़ों रुपया अभी बाकी है और अगला सत्र अभी चलने वाला है किसानों का कहना है कि जब तक शुगर मिल द्वारा पिछले सत्र का बकाया भुगतान नहीं किया गया है तो वह आगे अपना गन्ना इन शुगर मिल को नहीं देंगे लिहाजा उनके गन्ने को और किसी शुगर मिल पर पहुंचाने की व्यवस्था कराई जाए साथ ही किसानों का शीघ्र भुगतान भी कराया जाए।

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