सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन मनाने की परंपरा है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके बदले भाई उन्हें रक्षा का वचन हैं देते हैं। हालांकि, इस बार रक्षाबंधन की तारीख को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति है कि यह त्योहार किस तारीख को मनाया जाएगा. कुछ लोग रक्षाबंधन 30 अगस्त को बता रहे हैं तो कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यह त्योहार 31 अगस्त को है। आइए ज्योतिष पं. कामता प्रसाद शर्मा गुरुजी से जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
ये है कारण:- शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 30 अगस्त बुधवार को दिन में १०:१५ बजे से। और साथ साथ भद्रा भी रात्रि 9(नौ) तक रहेगी। *अतः रक्षासूत्र (राखी) इसके बाद से ही बाँधी जाएगी, जो दूसरे दिन 31 अगस्त को उदया तिथि के रूप में प्रातः 7 बजे तक रहेगी। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त भी दिन में इसे कर्तरी योग कहते हैं। अर्थात अशुभ योग को काटने वाला । रक्षा बन्धन (राखी) 31 अगस्त को ही मनायी जाएगी। राखी भाई बहन ही नहीं वृक्षों को प्रकृति की रक्षा हेतु, देवताओं गुरुदेव आदि को भी बाँधी जा सकती है। इस मन्त्र से राखी बान्धे। येन बद्धो बली राजा दान वेन्द्रो महाबल: । तेन त्वाम् प्रति बद्धनामि रक्षे माचल माचल:। अर्थात:–जिस रक्षा-सूत्र से महा शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बाँधा गया था उसी रक्षासूत्र से मै तुम्हें बाँधता/बांधती हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा।