शामली :उत्तर प्रदेश के जनपद शामली मैं पिछले सत्र का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नए होने से नाराज किसानों ने शामली शुगर मिल पर ताला लगा दिया किसानो की मांग है कि जब तक उनके पिछले सत्र का गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हो जाता और आगे के भुगतान की 14 दिन की गारंटी नहीं मिल जाती तब तक वह शुगर मिल पर ताला लगाए रखेंगे। किसानों का कहना है कि जब हालात ऐसे ज्यादा खराब हो गए कि किसान मजबूर हो गया तब जाकर शुगर मिल पर ताला लगाने का फैसला किसानों ने लिया है और यह ताला जब तक लटका रहेगा जब तक की किसानों का भुगतान नहीं हो जाता।
दरअसल आपको बता दे कि पूरा मामला जनपद शामली का है जहां किसानों ने पिछले सत्र का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से नाराज की के चलते शामली शुगर मिल पर ताला लगा दिया।शामली शुगर मिल पर किसानों का पिछले सत्र का करीब 226.50 करोड रुपए बकाया है और दूसरा सीजन चलने वाला है लेकिन अब तक किसानों के पिछले सत्र का भुगतान नहीं किया गया है जिसको लेकर पहले किस डीसीओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे जिसके बाद उन्होंने अपना धरना शामली शुगर मिल पर रख दिया और उसके बाद वहीं पर किसानों का धरना प्रदर्शन चल रहा है और पिछले 5 दिनों से 5 किसान शामली शुगर मिल में ही भूख हड़ताल पर बैठे हैं जिनमें से एक किसान की दो दिन पहले तबीयत खराब हो गई थी जिसे आनन -फानन में शामली के जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था जहां पर उसका उपचार किया जा रहा है।
किसानों ने शुगर मिल पर तालाबंदी की घोषणा दो दिन पहले ही कर दी थी और कहा था कि यदि किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होता है तो वह शुगर मिल पर ताला लगा देंगे। किसानों इस चेतावनी को देखते हुए शामली प्रशासन द्वारा पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई थी लेकिन किसानों के सामने पुलिस फोर्स भी बेबश नजर आई और किसानों ने शामली शुगर मिल के तमाम जो गेट हैं जिनसे मिलकर्मी भी अंदर आते जाते हैं उन पर भी ताला लगा दिया और कहा कि जब तक किसानों का पिछले सत्र का बकाया करना मूल्य भुगतान व इस सत्र के भुगतान की गारंटी नहीं दी जाती तब तक किसान शुगर मिल पर ताला लगाए रखेंगे। किसानों ने यह भी साफ कर दिया कि उनका ताला लगाने का मकसद यह है भी है कि जब किसानों को इससे शुगर मिल द्वारा गाने का भुगतान नहीं किया जा रहा है तो इसे गन्ना देकर क्या फायदा और इसके चलने से किसानों को क्या लाभ मिलेगा।