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नवरात्रि में ये 9 भोग माता रानी को है पसंद , जानें किस दिन क्या चढ़ाएं

नवरात्रि शक्ति की देवी मां दुर्गा की आराधना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। साल में चार बार चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय नवरात्रि आती हैं। इनमें चैत्र और आश्विन यानी शारदीय नवरात्र प्रमुख माने जाते हैं। इसके अलावा आषाढ़ और माघ गुप्त नवरात्रि होती हैं।

ये खास भोग पूरी करेंगे मनोकामना

भगवान राम ने नवरात्रि में मां भगवती की पूजा करके विजयादशमी के दिन रावण का वध किया था। ऐसे में मां के भक्त 9 दिनों तक मां की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन नौ दिनों में हर दिन मां को अलग-अलग चीजें अर्पित की गई हैं. नवरात्रि की 9 देवियां 9 अलग-अलग शक्तियों का प्रतीक मानी जाती हैं। अगर आप भी इन नौ दिनों में मां को प्रसन्न कर अपनी सभी मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं तो नवरात्रि पर मां को हर दिन के हिसाब से उनकी पसंद का भोग लगाएं।

नवरात्रि में 9 देवियों के 9 भोग

पहला दिन- मां शैलपुत्री

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को स्वास्थ्य की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति नवरात्रि के पहले दिन गाय का शुद्ध देसी घी अर्पित करता है, तो मां शैलपुत्री की कृपा से व्यक्ति को स्वस्थ और खुश रहने का वरदान मिलता है।

दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी

जो लोग मां ब्रह्मचारिणी से लंबी उम्र का वरदान चाहते हैं उन्हें नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाना चाहिए। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के हर कष्ट समाप्त हो जाते हैं।

चौथा दिन- मां कुष्मांडा

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। यह भी कहा जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों को मालपुए खाना चाहिए। ऐसा करने से बुद्धि का विकास होता है और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

पांचवां दिन- मां स्कंदमाता

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता की पूजा से आजीवन आरोग्य का वरदान मिलता है।

छठा दिन- मां कात्यायनी

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से आकर्षण का आशीर्वाद मिलता है।

सातवां दिन- मां कालरात्रि

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन मां को गुड़ का भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ का सेवन अचानक आने वाले संकट से बचाता है।

आठवां दिन- मां महागौरी

नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग कन्या पूजन भी करते हैं।इस दिन महागौरी की पूजा करते समय मां को नारियल चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से संतान संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

नौवां दिन- मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन माताएं तिल का सेवन करती हैं। जो लोग अचानक मृत्यु से डरते हैं, वे मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं।

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