लखनऊ के ग्रामीण इलाके अर्जुनगंज में स्थित मरी माता का मंदिर कुछ खास है। लोगों के मुताबिक यह मंदिर करीब 150 साल पुराना है। जब यहां कोई पुलिया नहीं थी। बाद में जब इस क्षेत्र में एक पुल का निर्माण किया गया तो उसके ठीक ऊपर मंदिर स्थापित किया गया।
जाने कैसे शुरू हुई परंपरा
वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि एक बार श्रद्धालु मरी माता के दर्शन के लिए बस से आ रहे थे कि बस मंदिर के पास पुल के नीचे गिर गई लेकिन बस में बैठे किसी भी यात्री को कुछ नहीं हुआ।मंदिर में घंटी बज गई। तभी घंटियाँ बनाने की परंपरा शुरू हुई जो आज भी जारी है।
बांधी जाति है घंटियाँ
मान्यता है कि मां के मंदिर में घंटी बजाने से यह मान्यता पूरी होती है। यहां टंगी हजारों घंटियां इस बात की पुष्टि करती हैं। बड़े हो या छोटे, हर कोई अपनी आस्था के अनुसार घंटी बजाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां घंटियां बनाने की प्रथा सैकड़ों साल पुरानी है। कहा जाता है कि जिसकी मन्नत पूरी हो जाती है वह मंदिर में आकर विशेष पूजा-अर्चना करता है। आज भी इस मंदिर की घंटियां लोगों को आकर्षित करती हैं।