नई दिल्ली – कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तीव्र वृद्धि से निपटने में ब्राजील और भारत के संघर्ष करने के बीच एक शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि विश्व अब भी महामारी के बीचों-बीच फंसा हुआ है। इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था के तेजी से पटरी पर लौटने और अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक डॉ.माइक रयान ने कहा, ‘अभी, हम दूसरे (महामारी के) चरण में नहीं हैं। हम वैश्विक स्तर पर इसके पहले चरण के बीचों-बीच हैं।’ रयान ने संक्रमण के मामले बढ़ने वाले क्षेत्रों – दक्षिण अमेरिका, दक्षिण एशिया और अन्य इलाकों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘हम अब भी एक ऐसे चरण में हैं, जहां रोग वास्तव में बढ़ता ही जा रहा है।’
भारत में लगातार सातवें दिन रिकॉर्ड संख्या में नए मामले सामने आए। मंगलवार को संक्रमण के 6,535 मामले सामने आए, जिसके साथ कुल संख्या बढ़कर 1,45,380 हो गई। वहीं, अब तक कुल 4,167 लोगों की मौतें भी हुई हैं। वायरस भारत के कुछ गरीब, अधिक आबादी वाले इलाकों में तेजी से फैला है, जिससे यह पता चलता है कि सरकार संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किस कदर चुनौती का सामना कर रही है।
भारत में ज्यादातार मामले पश्चिम राज्य महाराष्ट्र और गुजरात से सामने आए हैं। पूर्वी राज्यों में भी संक्रमण के मामले बढ़े हैं, क्योंकि लॉकडाउन के कारण देश के अन्य हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिक वहां लौट रहे हैं। इसके बावजूद भारत ने दो महीने बाद सोमवार को घरेलू वाणिज्यिक उड़ान सेवाएं बहाल करने की इजाजत दे दी।रयान ने कहा कि ब्राजील में संक्रमण की अत्यधिक दर का मतलब है कि उसे लोगों को घरों के अंदर रखने के कुछ उपायों को अपनाना चाहिए, भले ही इसका अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव क्यों न पड़ता हो। उन्होंने कहा, ‘आपको वह सब कुछ करते रहना चाहिए जो आप कर सकते हैं।’ हालांकि, साओ पाउलो के गवर्नर जोआवो दोरिया की योजना एक जून से पाबंदियों में ढील देने की है। ब्राजील से आने वाले विदेशियों के लिए मंगलवार से प्रभावी होने वाले अमेरिकी यात्रा प्रतिबंध दो दिन पहले लगा दिया गया। हालांकि, यह अमेरिकी नागरिकों पर लागू नहीं होता।