नई दिल्ली – LAC पर हुए चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के वीर भी शहीद हुए, कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू भी इस घटना में वीरगति को प्राप्त हो गए कर्नल के पिता का कहना है कि उन्हें पता था एक दिन उन्हें इस बारे में सूचना मिलेगी उनके बेटे ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणो की आहुति दी है जिसपर मुझे गर्व है
बैंक की नौकरी से रिटायर्ड उनके पिता ने कहा, मैं मानसिक तौर पर तैयार था. हर कोई मरता है लेकिन मेरे लिए ये सम्मान की बात है कि देश की खातिर उसने शहादत दी. मुझे अपने बेटे की वीरगति पर गर्व है. उन्होंने अपने बेटे के साहसिक कारनामों के बारे में बताया कि संतोष कुपवाड़ा में आतंकवादियों ने मुकाबला किया था. और उसने साहसिक कार्य को अंजाम देकर सेना प्रमुख से सराहना पाई थी. अपने 15 वर्षीय सेवा में उसे चार प्रमोशन मिले.
पिता उपेंद्र को अपने बेटे के आखिरी शब्द को अभी भी याद हैं. उन्होंने बताया की 14 जून को जब मैंने सीमा पर संघर्ष के बारे में पूछा तो उसने ज्यादा बताने से इनकार कर दिया. सिर्फ इतना कहा कि अगली बार वापसी पर बात करेंगे.” संतोष ने अपने पिता को बताया था कि जमीनी सच्चाई कुछ और है जबकि न्यूज चैनलों पर दिखाई जानेवाली खबरें कुछ और हैं. उपेंद्र कहते हैं कि हमें थोड़े ही पता था कि ये उसकी आखिरी कॉल साबित होगी.