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आम आदमी पार्टी का नया दांव , क्या इस्तीफा बनेगा चुनावी हथियार ?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यमंत्री के इस्तीफे के मास्टरस्ट्रोक के साथ जनता के बीच जाएगी। राजधानी में जल्द चुनाव की मांग कर आम आदमी पार्टी ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. कथित शराब नीति घोटाले में जमानत मिलने के बाद पहली बार कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान कर विपक्ष को भी इसी जाल में फंसाने की कोशिश की है.

शराब नीति मामले में केजरीवाल के जेल जाने के बाद विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था. मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण जरूरी काम रुक गये थे. सरकार की नई योजनाएँ रुकी हुई थीं और पुराने परमिट जारी नहीं किए जा रहे थे। अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद विपक्ष ने भी उनके इस्तीफे की मांग की.

केजरीवाल ने दो दिन बाद रविवार को पार्टी मुख्यालय में अपने इस्तीफे की घोषणा कर बड़ा राजनीतिक कदम उठाया. भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी बैकफुट पर थी, लेकिन केजरीवाल के इस्तीफे के बाद पार्टी के नेता बौखला गए हैं. वे सीएम की ईमानदारी के नाम पर जनादेश मांग रहे हैं. पहले केजरीवाल और बाद में पार्टी नेताओं ने दिल्ली में जल्द चुनाव की मांग की. अगर चुनाव जल्दी हुआ तो ‘आप’ को सहानुभूति का फायदा मिल सकता है. अगर चुनाव में देरी हुई तो आम आदमी पार्टी इसका दोष बीजेपी पर मढ़ेगी और दावा करेगी कि बीजेपी दिल्ली में चुनाव से बच रही है. सीएम के इस्तीफे के ऐलान के साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली दंगे पर बड़ा दांव चला है.

आतिशी ने कहा- केजरीवाल जनता से करेगे संवाद 

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल इस मामले को लेकर दिल्ली में जगह-जगह जाएंगे और लोगों से बातचीत करेंगे. अरविंद केजरीवाल लोगों से करेंगे बातचीत. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी. छोटी-छोटी सभाओं के जरिए केजरीवाल अपनी बात जनता के बीच रख सकते हैं. वे लोगों को बताएंगे कि कथित शराब घोटाला ‘आप’ सरकार को गिराने का एक प्रयास था। इस मुद्दे को आधार बनाकर राजधानी में माहौल बनाने की कोशिश की जायेगी.

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