अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बिधाननगर दक्षिण थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। कौशिक साहा नामक व्यक्ति, जो साल्टलेक के निवासी हैं, ने यह शिकायत की है। उनका कहना है कि 27 अक्टूबर को साल्टलेक में भाजपा के सदस्यता अभियान के दौरान, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मौजूद थे, मिथुन चक्रवर्ती ने ऐसे बयान दिए जो सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ सकते हैं।
मिथुन चक्रवर्ती ने उस सभा में कहा था, “मैं यहां अभिनेता के रूप में नहीं बल्कि 60 के दशक का मिथुन चक्रवर्ती बोल रहा हूं। मैंने खून की राजनीति की है, इसलिए राजनीति के दांव-पेच मुझसे छिपे नहीं हैं। मुझे मालूम है कि किस कदम से क्या परिणाम आएगा। मैं अमित शाह जी के सामने कह रहा हूं कि इसके लिए जो भी जरूरी होगा, वह करूंगा। कुछ भी यानी कुछ भी… और इसका एक खास मतलब है।”
उन्होंने आगे यह भी कहा था, “यहां के एक नेता ने कहा था कि हिंदुओं को काटकर भागीरथी में बहा देंगे। मुझे उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उस पर कुछ कहेंगी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। लेकिन मैं कहता हूं कि तुम्हें (उक्त नेता) तुम्हारी ही जमीन में गाड़ दूंगा।”
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती को हाल ही में भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान, दादा साहब फाल्के अवार्ड, मिला है। वे सिर्फ बंगाल के ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा का गौरव हैं। इसके बावजूद, राजनीतिक शत्रुता के चलते बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रही हैं।