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लखनऊ की मशहूर ‘शर्मा की चाय’ पर 5 हजार रुपये का फाइन क्यों लगा ?

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मशहूर ‘शर्मा की चाय’ समेत तीन दुकानों पर नगर निगम ने 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इन दुकानों को नगर निगम की ओर से सख्त हिदायत भी दी गई है। बुधवार को नगर निगम ने लालबाग और नॉवेल्टी इलाके में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया, जिसके दौरान यह कार्रवाई की गई।

लालबाग इलाका, जो नगर निगम के दफ्तर से कुछ ही दूरी पर है, लंबे समय से अतिक्रमण का शिकार था। दुकानदारों ने आम लोगों के लिए बनाए गए रैंप पर कब्जा कर लिया था और यहां तक कि अपने किचन तक बना लिए थे। इस वजह से इलाके में जाम की समस्या बढ़ गई थी। जब यह मामला नगर निगम के अधिकारियों तक पहुंचा, तो अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया।

दुकानों पर कार्रवाई और जुर्माना

अभियान के दौरान ‘शर्मा की चाय’, ‘सरदार जी के छोले-भटूरे’ और ‘अल-जायका’ समेत कई दुकानों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। कुल 29 हजार रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए। साथ ही, सभी दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि वे रास्तों पर अतिक्रमण न करें। नगर निगम ने यह भी कहा कि एक हफ्ते बाद औचक निरीक्षण किया जाएगा।

क्यों मशहूर है ‘शर्मा की चाय’?

लखनऊ के लालबाग में स्थित ‘शर्मा की चाय’ शहर की एक आइकॉनिक जगह मानी जाती है। यहां नेता, मंत्री, विधायक से लेकर सेलिब्रिटी तक, हर कोई आ चुका है। चाय के साथ मिलने वाला बन मक्खन और गरमा-गरम समोसा यहां के खास आकर्षण हैं। सुबह-सुबह यहां लोगों की भारी भीड़ जुटती है, जिससे अक्सर जाम की समस्या पैदा हो जाती है। नगर निगम को इस समस्या की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

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