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अजमेर में दलित दूल्हे की बारात के लिए 200 पुलिसकर्मी तैनात, सुरक्षा के बीच निकली बारात

राजस्थान के अजमेर जिले के लवेरा गांव में एक दलित युवक की बारात निकाली गई, जो चर्चा का विषय बन गई। इस बारात की खासियत यह थी कि दूल्हा घोड़े पर सवार होकर निकला और बारातियों से ज्यादा पुलिसकर्मी इस समारोह में मौजूद थे। दरअसल, दूल्हे की सुरक्षा के लिए करीब 200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। दूल्हे के परिवार ने पहले से पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी क्योंकि इसी गांव में 20 साल पहले एक ऐसा विवाद हुआ था, जिसने इतिहास बना दिया था।

20 साल पुराना विवाद

साल 2005 में, नारायण रैगर की बहन सुनिता की शादी के दौरान घोड़े पर दूल्हे की बारात निकालने को लेकर विवाद हुआ था। एक विशेष समुदाय ने इसका विरोध किया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई। तब घोड़ी को बारात से हटा दिया गया, और दूल्हे को पुलिस जीप में बिठाकर बारात निकाली गई। इस घटना ने दलित समुदाय को झकझोर कर रख दिया था और वर्षों तक यह मामला लोगों की यादों में रहा।

इस बार ऐतिहासिक कदम

जब नारायण रैगर की बेटी की शादी तय हुई, तो उन्होंने पुरानी घटना को ध्यान में रखते हुए पुलिस को पहले ही सूचना दी। प्रशासन ने इस बार कोई कोताही नहीं बरती और दूल्हे की बारात को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई। बारात में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद रहे, जिनमें एडिशनल एसपी दीपक कुमार सहित 75 पुलिस अधिकारी शामिल थे। इतना ही नहीं, ड्रोन कैमरों से भी बारात की निगरानी की गई और गांव में जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए। यहां तक कि 20 महिला कांस्टेबल भी सुरक्षा में तैनात थीं।

बारात में पुलिस की मौजूदगी

पुलिसकर्मी बारात के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे। दूल्हा पूरे सम्मान के साथ घोड़े पर बैठकर अपनी बारात लेकर निकला। इस दौरान गांव में हर जगह पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था देखने को मिली। 20 साल पहले हुई घटना के विपरीत, इस बार दलित दूल्हे की बारात पूरी गरिमा और सुरक्षा के साथ संपन्न हुई।

यह घटना दलित समुदाय के लिए एक संदेश के रूप में देखी जा रही है, जिसमें समानता और सम्मान की लड़ाई को मजबूती मिली है।

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