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पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के 101 मरीज, एक की मौत, जानें स्वास्थ्य मंत्री का बयान

महाराष्ट्र के पुणे में ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) से संक्रमित मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो चुकी है। इनमें से एक सोलापुर निवासी की मौत भी हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, प्रकाशराव अबितकर ने बताया कि इस संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से काम कर रहा है और जल्द ही विशेषज्ञों की टीम अपनी राय देगी। सोमवार को अधिकारियों ने बताया कि पुणे में इस विकार से प्रभावित मरीजों की संख्या 101 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हमें जल्द ही डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम की रिपोर्ट मिलेगी। पुणे नगर निगम और राज्य स्वास्थ्य विभाग पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि इस बीमारी का प्रसार न हो। फिलहाल 101 संदिग्ध मरीज हैं, जिनमें से 73 को जीबीएस का पता चला है और एक मौत हो चुकी है।”

जीबीएस से हुई पहली मौत अधिकारियों के अनुसार, यह महाराष्ट्र में जीबीएस के कारण हुई पहली मौत हो सकती है। सोलापुर के रहने वाले एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने पुणे में संक्रमण का शिकार होने के बाद 18 जनवरी को सोलापुर के एक निजी अस्पताल में इलाज शुरू करवाया था। वहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन रविवार को उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि मृत्यु के बाद की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह संकेत मिला कि मरीज जीबीएस से संक्रमित था। मृतक के रक्त के नमूने आगे की जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए हैं।

जीबीएस क्या है? जीबीएस एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्से सुन्न हो जाते हैं और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इसके साथ ही हाथ-पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण होते हैं। यह बीमारी आम तौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है।

डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम पुणे पहुंची स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम पुणे में स्थिति का आकलन करने के लिए पहुंच चुकी है। पुणे नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रभावित इलाकों में निगरानी रखे हुए हैं। अब तक 25,578 घरों का सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें पुणे नगर निगम, चिंचवड नगर निगम और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के घर शामिल हैं।

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