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छात्रों के लिए पीएम मोदी के खास टिप्स, ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ में बताया तनाव से कैसे बचें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण में देशभर के छात्रों को परीक्षा और जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने चर्चा की शुरुआत पोषण के महत्व से की और उसके बाद इस बात पर जोर दिया कि हमें रोबोट की तरह नहीं जीना चाहिए। साथ ही, उन्होंने लिखने की आदत डालने और डिप्रेशन से बचने के उपाय भी साझा किए।

अक्सर देखा जाता है कि कई छात्र चुपचाप रहने लगते हैं और लोगों से कम बातचीत करते हैं, जिससे वे धीरे-धीरे अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार हो जाते हैं। यह न केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी चिंता का विषय बन जाता है। इस समस्या से बचने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को सुझाव दिया कि वे अपने मन की कोई भी बात मन में न रखें, बल्कि खुलकर अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से चर्चा करें। उन्होंने कहा कि बचपन में बच्चे अपने माता-पिता से हर छोटी-बड़ी बात साझा करते हैं, लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनसे दूर होने लगते हैं। इससे बचने के लिए संवाद बनाए रखना बहुत जरूरी है।

किताबी कीड़ा न बनें, लेकिन सीखने से न डरें

पीएम मोदी ने छात्रों को केवल किताबों तक सीमित न रहने की सलाह दी, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञान जहां से भी मिले, उसे ग्रहण करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से लिखने की आदत पर जोर दिया और कहा कि लिखने की आदत किसी भी उम्र में होनी चाहिए, क्योंकि यह सीखने और समझने की प्रक्रिया को मजबूत बनाती है।

असफलता से घबराने की जरूरत नहीं

उन्होंने छात्रों को असफलता से डरने के बजाय उसे एक सीख के रूप में अपनाने की सलाह दी। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई बच्चे स्कूल में फेल हो जाते हैं, लेकिन फिर से प्रयास कर आगे बढ़ते हैं। असफलता का मतलब यह नहीं कि जीवन रुक गया है। प्रधानमंत्री ने छात्रों को यह तय करने के लिए प्रेरित किया कि वे केवल परीक्षा में सफल होना चाहते हैं या जीवन में भी सफलता हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति में कुछ कमियां होती हैं, लेकिन साथ ही हर किसी के पास कुछ न कुछ विशेष योग्यता भी होती है। इसलिए, अपनी अच्छाइयों पर ध्यान केंद्रित करें और आगे बढ़ें

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