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पंजाब में आतंकी साजिश नाकाम, पुलिस ने तीन संदिग्धों को पकड़ा, पूरे नेटवर्क की जांच जारी

अमृतसर पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करते हुए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से एके-47 राइफल और दो पिस्तौल बरामद की हैं। अधिकारियों के मुताबिक, ये आरोपी पैसों के बदले आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया करते थे। गिरफ्तारी के दौरान, एक आरोपी ने पुलिस से बचकर भागने की कोशिश की और एक एएसआई पर गोली चलाने का प्रयास किया, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में दो आरोपी घायल हो गए हैं।

अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि पुलिस ने इस अभियान में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम लवप्रीत, करणदीप और बूटा सिंह हैं, जो अमृतसर ग्रामीण क्षेत्र के निवासी हैं। इनके पास से एक एके-47 राइफल, कुछ गोलियां, 0.3 बोर की एक पिस्तौल और कारतूस के साथ 0.32 बोर की एक अन्य पिस्तौल बरामद की गई है। पुलिस के अनुसार, ये आरोपी पैसों के लालच में आतंकी गिरोह में शामिल हुए थे।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन आरोपियों को हथियार और गोला-बारूद कैसे मिले। इसके अलावा, पैसे की लेन-देन, हथियारों की सप्लाई और ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी के पूरे नेटवर्क की भी गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली अपनी टीम को बधाई दी। उन्होंने आगे बताया कि जब गिरफ्तार आरोपियों को लाया जा रहा था, तब लवप्रीत नामक आरोपी ने एएसआई पर गोली चलाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें लवप्रीत और बूटा सिंह घायल हो गए।

इससे पहले भी पकड़े गए थे आतंकी

पुलिस ने 30 जनवरी को तरनतारन में हुई एक मुठभेड़ के बाद चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, जिसका संबंध विदेशी आतंकी लखबीर सिंह उर्फ लांडा से था। जांच में पता चला कि इन आरोपियों को अमेरिका में रह रहे गुरदेव सिंह उर्फ जैसल चम्भल और कनाडा में रह रहे सतबीर उर्फ सत्ता नौशेरा से निर्देश मिल रहे थे। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान रॉबिनजीत सिंह उर्फ रॉबिन (निवासी मुरादपुरा, तरनतारन), हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी (निवासी उस्मान गांव), नवजोत सिंह उर्फ नव (निवासी कलानौर, गुरदासपुर) और जगदीप सिंह उर्फ जग्गा (निवासी घुमन कलां) के रूप में हुई थी।

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