
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार, 24 फरवरी, को प्रदेश के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि आप समाजवादी से सनातनी हो गए हैं।”
संविधान की प्रति लेकर घूमने पर भी विपक्ष पर सवाल
सीएम योगी ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि “आप संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, लेकिन वास्तव में आप संविधान के मूल्यों को कितना मानते हैं, यह आपके आचरण से स्पष्ट हो जाता है।” उन्होंने याद दिलाया कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जिस तरह से हंगामा किया था, वह संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं था।उन्होंने कहा, “आपकी पार्टी का मीडिया सेल जिस भाषा का इस्तेमाल करता है, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए उचित नहीं है।”
महाकुंभ में जिसे जो देखना था, वही मिला
महाकुंभ को लेकर की गई आलोचनाओं पर जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, “महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसे वही मिला। गिद्धों को केवल लाशें दिखीं, सुअरों को गंदगी मिली, लेकिन संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरती नजर आई।”
उन्होंने आगे कहा, “आस्थावानों को पुण्य मिला, सज्जनों को सज्जनता मिली, अमीरों को व्यापार का अवसर मिला, गरीबों को रोजगार मिला, भक्तों को भगवान मिले और सनातन धर्म की सुंदरता प्रकट हुई।”
उन्होंने समाजवादी और वामपंथी विचारधारा पर तंज कसते हुए कहा, “सनातन की इस सुंदरता को आखिर वे कैसे देख सकते हैं?”
100 मीटर की दौड़ की चुनौती
मुख्यमंत्री ने मजाकिया अंदाज में विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा, “मैं शिवपाल यादव से कहता हूं कि एक बार नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की 100 मीटर की दौड़ करवा दी जाए।”उन्होंने कहा, “मानव का मानव होना उपलब्धि है, लेकिन मानव का दानव बन जाना पराजय है।”
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “जब समाजवादी दल कमजोर पड़ता है, तो उसे धर्म की याद आने लगती है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बौद्ध, जैन सहित सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और इनके तीर्थ स्थलों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं।
मोरिशस के राष्ट्रपति ने स्नान करने से क्यों किया था इनकार?
विपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बौद्ध धर्म का सम्मान नहीं करते। इस पर योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा, “आपके शासनकाल में कुंभ की व्यवस्था नॉन-सनातनी लोगों को सौंप दी गई थी, लेकिन आपकी सरकार के मुख्यमंत्री के पास कुंभ की समीक्षा करने का भी समय नहीं था।”
उन्होंने कहा कि “इसी वजह से वहां अव्यवस्था देखने को मिली और मोरिशस के राष्ट्रपति ने तो कुंभ स्नान करने से ही इनकार कर दिया था।”
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ के पार होगी
सीएम योगी ने कहा, “इस बार आप खुद महाकुंभ गए, स्नान किया और व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से सराहना भी की। आपने यह भी माना कि यदि कुंभ में विश्वस्तरीय व्यवस्थाएं न होतीं, तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु वहां न पहुंचते।”
उन्होंने आगे बताया कि “26 फरवरी तक महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ पार कर जाएगी।”
जाति विशेष के लोगों को रोके जाने के आरोपों पर जवाब
सीएम योगी ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि कुंभ में किसी जाति विशेष के लोगों को प्रवेश से रोका गया। उन्होंने स्पष्ट किया, “हमने किसी को नहीं रोका, लेकिन अगर किसी ने अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की, तो उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई।”
उन्होंने कहा, “आपने अयोध्या को स्वीकार किया, महाकुंभ को स्वीकार किया, सनातन को स्वीकार किया – यह देखकर अच्छा लगा।”
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में विपक्ष को कठघरे में खड़ा करते हुए कुंभ, अयोध्या और सनातन धर्म को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष के आचरण और उनके बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अगर समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाना है, तो सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति को अपनाना ही होगा।”