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4 वर्षीय बच्चे का सिर स्टील के बर्तन में फंसा, डॉक्टरों ने अनोखे तरीके से बचाई जान

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के बणई क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जहां खेलते-खेलते एक चार साल के मासूम का सिर स्टील के बर्तन में फंस गया। परिजनों ने उसे निकालने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार, बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद बर्तन को काटकर उसे सुरक्षित बाहर निकाला।

कैसे हुआ हादसा?

सुंदरगढ़ जिले के बणई थाना क्षेत्र के जांगला गांव में रहने वाले बाबुली मुंडा और सावीना मुंडा का बेटा शुभम घर में खेल रहा था। खेल-खेल में उसने स्टील के एक बर्तन को अपने सिर में डाल लिया, लेकिन बाद में वह उसमें बुरी तरह फंस गया। घरवालों ने उसे बाहर निकालने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन बर्तन का घेरा इतना तंग था कि वह बाहर नहीं निकल सका।

जब परिजन हर प्रयास में असफल रहे, तो घबराकर उन्होंने शुभम को तुरंत बणई उपखंड अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने स्थिति को गंभीरता से लिया और बच्चे को राहत दिलाने के लिए तेजी से कदम उठाए। पहले तो बर्तन को हटाने की कोशिश की गई, लेकिन वह आसानी से नहीं निकला। इसी बीच, शुभम की परेशानी बढ़ती जा रही थी, जिससे डॉक्टरों की चिंता और बढ़ गई।

डॉक्टरों की सूझबूझ से बची जान

स्थिति बिगड़ती देख, शुभम को राउरकेला रेफर करने की योजना बनाई जा रही थी, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने एक और प्रयास करने का फैसला किया। डॉक्टर प्रभात रंजन सिंह, स्टाफ आकाश राय और वीरेंद्र नायक ने मिलकर तुरंत समाधान निकाला। उन्होंने कैंची और कटर की मदद से स्टील के बर्तन को बेहद सावधानीपूर्वक काटना शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार बर्तन को काट दिया गया, और शुभम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

अगर डॉक्टरों ने तत्परता नहीं दिखाई होती, तो स्थिति और बिगड़ सकती थी। लेकिन उनकी सूझबूझ और मेहनत की वजह से बच्चे की जान बच गई। अब शुभम पूरी तरह स्वस्थ है और सुरक्षित महसूस कर रहा है। परिजनों ने डॉक्टरों का आभार जताया और कहा कि उनकी त्वरित कार्रवाई ने उनके बेटे को एक बड़ी मुसीबत से बचा लिया।

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