रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध जारी है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं। इसी बीच, मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने जानकारी दी कि मंगलवार सुबह रूस की राजधानी पर किए जा रहे हमले के दौरान कम से कम 60 यूक्रेनी ड्रोनों को मार गिराया गया। हाल के दिनों में यूक्रेन की ओर से रूस पर किया गया यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
मॉस्को के हवाई अड्डों पर लगी रोक
सोबयानिन ने बताया कि मॉस्को क्षेत्र के रामेंस्की और दोमोदेदोवो जिलों में कुल 11 ड्रोनों को निष्क्रिय कर दिया गया। हालांकि, बाकी ड्रोन कहां गिराए गए, इसकी जानकारी उन्होंने साझा नहीं की। बस इतना बताया कि वे “मॉस्को की ओर बढ़ रहे थे।” सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मॉस्को के दो प्रमुख हवाई अड्डों, दोमोदेदोवो और ज़ुकोवस्की, में उड़ानों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, हालांकि एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा है। हाल के महीनों में मॉस्को पर हुआ यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, और खास बात यह है कि यह ऐसे समय में हुआ जब सऊदी अरब में अमेरिका और यूक्रेन के बीच वार्ता होने वाली है।
रूस की जवाबी कार्रवाई
दूसरी ओर, रूस और यूक्रेन के इस युद्ध में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। यूक्रेनी सेना और रूसी युद्ध ब्लॉगर्स ने दावा किया है कि रूस की विशेष सैन्य इकाइयों ने एक अनोखी रणनीति अपनाई। बताया जा रहा है कि रूसी सैनिकों ने एक गैस पाइपलाइन के भीतर कई किलोमीटर तक पैदल यात्रा की, ताकि वे कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सेना पर पीछे से हमला कर सकें। इस हमले को रूस की एक प्रमुख सैन्य रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। दिलचस्प बात यह भी है कि इस अभियान में रूस के सहयोगी देश उत्तर कोरिया के कुछ सैनिकों ने भी भाग लिया।

