
भारत की चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद मध्य प्रदेश के महू में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई, जिसके चलते प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाले गजराज कौशल का दावा है कि हिंसा की शुरुआत अकबर का तकिया मोहल्ले के लोगों ने की थी। दूसरी ओर, मुस्लिम महिलाओं ने आरोप लगाया कि पहले हिंदुओं ने पत्थरबाजी शुरू की, जिसके जवाब में उन्होंने भी पत्थर फेंके।
गजराज कौशल ने घटना से जुड़े कई सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि आखिर किसने पहले से यह योजना बनाई थी कि अगर वे लोग चैंपियंस ट्रॉफी की जीत का जश्न मनाएंगे, तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा? किसने धमकी दी थी कि अगर वे जुलूस निकालने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा? गजराज ने मीडिया को उन भारी पत्थरों के ढेर दिखाए, जिनका इस्तेमाल हिंसा के दौरान किया गया था। उन्होंने 17 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई और बताया कि हिंसा पत्ती बाजार के पास, मोती महल इलाके में हुई।
गाड़ियों में आगजनी और तोड़फोड़
गजराज के अनुसार, वे लोग मैच देखने के बाद बाहर निकले थे, तभी तकिया मोहल्ले के कुछ लोगों ने धमकी दी कि यदि वे जश्न मनाएंगे तो अंजाम बुरा होगा। इसके तुरंत बाद हिंसा भड़क उठी। हमले के दौरान 10 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें दो ट्रक और दो जीप वैन के कांच भी तोड़ दिए गए। गजराज और अन्य लोगों का आरोप है कि हमलावरों ने पत्थरों के साथ मिर्ची भी फेंकी, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
मुस्लिम पक्ष की सफाई
वहीं, अकबर का तकिया मोहल्ले के मुस्लिम समुदाय ने आरोपों को गलत बताया। महिलाओं ने कहा कि जब उन पर पत्थर फेंके गए, तो उन्होंने भी अपनी सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू और मुस्लिम समुदाय अब तक भाईचारे से रहते आए हैं, और उनका किसी भी तरह की हिंसा से कोई संबंध नहीं है। जिन लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं, वे उस रात मौके पर मौजूद ही नहीं थे।
इसके अलावा, उन्होंने इस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने मिर्ची फेंकी थी। महिलाओं ने अपनी दुकान पर रखी मिर्ची और चटनी की बाल्टी दिखाते हुए कहा कि वे रोज़मर्रा के खाने-पीने के सामान में इनका इस्तेमाल करती हैं, और हिंसा में इनका कोई संबंध नहीं है।
घायलों की मांग
इस घटना में घायल हुए प्रीतेश सोलंकी ने कहा कि एफआईआर में जिन लोगों के नाम हैं, उनकी गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कई लोग प्रतिबंधित संगठनों जैसे सिमी और पीएफआई से जुड़े हो सकते हैं। मामले की जांच जारी है, और प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।