
उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस केस की मुख्य आरोपी और मृतक सौरभ की पत्नी मुस्कान को नशे की दवा देने वाले मेडिकल स्टोर पर छापेमारी हुई है। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की टीम ने की, जिसमें दो ड्रग्स इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारी शामिल थे।
जांच में सामने आया है कि मुस्कान ने मोबाइल पर डॉक्टर के पर्चे की फोटो दिखाकर नींद की दवा खरीदी थी। इसके साथ ही, उसने Mezolam नामक 33 रुपये का नशे का इंजेक्शन भी लिया था। अब प्रशासन की टीम मेडिकल स्टोर के रिकॉर्ड, स्टॉक और बिलिंग की बारीकी से जांच कर रही है। इस केस में मेडिकल स्टोर संचालक पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है और उसका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
कैसे खरीदी गई थी नशे की दवा?
छापेमारी के दौरान मेडिकल स्टोर के मालिक से पूछताछ की गई। उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले एक महिला और स्कूटी सवार बुजुर्ग उसकी दुकान पर आए थे। महिला (मुस्कान) ने डॉक्टर के पर्चे की फोटो मोबाइल पर दिखाकर दवा मांगी थी। उसने बताया कि स्कूटी सवार उसके पिता हैं और उन्हें एंजाइटी (चिंता) की समस्या है, इसलिए यह दवा जरूरी है। मेडिकल स्टोर संचालक को मुस्कान की मंशा पर शक नहीं हुआ और उसने इंजेक्शन दे दिया।
अब ड्रग्स विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोर से एंटी डिप्रेशन और अन्य संदिग्ध दवाओं के सैंपल भी लिए हैं। अगर जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो मेडिकल स्टोर के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है।
क्या है पूरा मामला?
मेरठ में सौरभ राजपूत की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को उसकी पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर अंजाम दिया था। हत्या के बाद शव के टुकड़े कर एक ड्रम में डालकर ऊपर से सीमेंट भर दिया गया था।
हत्या को अंजाम देने के बाद मुस्कान और साहिल छह दिन तक हिमाचल प्रदेश के कसोल में रहे। होटल में कमरा बुक करते समय दोनों ने खुद को पति-पत्नी बताया था। 10 मार्च को होटल में चेक-इन करने के बाद वे 16 मार्च तक वहां रुके थे।
इस खौफनाक हत्या के मामले में मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है और मेडिकल स्टोर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है