
कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा में अंजनी पुत्र सेना और विश्व हिंदू परिषद के राम नवमी जुलूस को निकालने की अनुमति दे दी है। इससे पहले राज्य प्रशासन ने इस जुलूस की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। अदालत के फैसले के अनुसार, यह जुलूस अपने परंपरागत मार्ग से ही निकलेगा, और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नियमों और शर्तों के साथ मिली अनुमति
कोर्ट ने जुलूस निकालने की अनुमति तो दी है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। खास बात यह है कि यह जुलूस मुस्लिम बहुल इलाके काजीपारा से होकर गुजरेगा, जिससे प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे। पूरे रास्ते में भारी पुलिस बल तैनात रहेगा ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
क्या हैं हाई कोर्ट की शर्तें?
- हर जुलूस में अधिकतम 500 श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं।
- जुलूस में शामिल होने वाले सभी लोगों की नाम और पहचान पत्र की सूची पहले से पुलिस को देनी होगी।
- जुलूस में धातु के हथियार या लाठी ले जाने की अनुमति नहीं होगी। भक्त सिर्फ PVC (प्लास्टिक) से बने धार्मिक चिन्ह लेकर ही चल सकते हैं।
- अंजनी पुत्र सेना का जुलूस सुबह और विश्व हिंदू परिषद का जुलूस शाम को निकलेगा।
सुवेंदु अधिकारी का आरोप – “हमें रोक रही है ममता की पुलिस”
कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा,
“अपने धार्मिक त्योहार मनाना हमारा संवैधानिक अधिकार है, लेकिन ममता बनर्जी की पुलिस हमें रोकने का काम कर रही है। हमें हर बार अपने अधिकारों के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।”