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गांजे के नशे में तबाही मचाने वाला निकला रक्षित, वडोदरा पुलिस की जांच में सच्चाई सामने आई

गुजरात के वडोदरा शहर में हुए एक दर्दनाक हादसे में प्रयागराज का रहने वाला 23 वर्षीय लॉ स्टूडेंट रक्षित चौरसिया गांजे के नशे में कार चला रहा था। उसने तीन वाहनों को टक्कर मार दी, जिसमें एक महिला की जान चली गई और सात लोग घायल हो गए। पुलिस जांच के बाद यह पुष्टि हुई कि रक्षित चौरसिया और उसके साथ मौजूद दो अन्य युवक—प्रांशु चौहान और सुरेश भारवाड़—ने घटना से पहले गांजा पीया था।

फोरेंसिक जांच में सामने आया कि घटना के समय आरोपी शराब के नशे में नहीं था, लेकिन गांजे के असर में था। गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी से मिली रिपोर्ट में तीनों युवकों के खून में ड्रग्स पाए गए। यह मेडिकल रिपोर्ट दुर्घटना के लगभग बीस दिन बाद पुलिस के हाथ लगी।इस आधार पर पुलिस ने रक्षित और उसके साथियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, 1985 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 185 के तहत केस दर्ज किया है।

फिलहाल रक्षित चौरसिया को वडोदरा सेंट्रल जेल भेज दिया गया है, जबकि उसका एक साथी प्रांशु पुलिस की गिरफ्त में है। तीसरा आरोपी सुरेश फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

पुलिस उपायुक्त पन्ना मोमाया ने बताया, “तीनों युवकों के खून में गांजे की पुष्टि हुई है। रक्षित गांजे के नशे में वाहन चला रहा था। तीसरे आरोपी को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।”

यह हादसा 13 मार्च को वडोदरा के करेलीबाग क्षेत्र के आम्रपाली चौक पर हुआ था। रक्षित ने तेज रफ्तार कार से तीन वाहनों को टक्कर मारी थी। इस टक्कर में हेमाली पटेल नामक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद रक्षित अजीब तरीके से व्यवहार कर रहा था और जोर-जोर से “वन मोर राउंड” और “ॐ नमः शिवाय” चिल्ला रहा था।

हादसे के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया।

शुरुआत में रक्षित ने अपनी गलती मानने से इनकार किया और दावा किया कि एयरबैग खुलने के कारण वह कार पर नियंत्रण नहीं रख सका। उसका कहना था, “हम एक स्कूटर को ओवरटेक कर रहे थे तभी कार गड्ढे में चली गई। टक्कर के बाद एयरबैग खुल गया और मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया। कार बेकाबू हो गई। बाद में पता चला कि एक महिला की जान गई है। मैं पीड़ित परिवार से मिलना चाहता हूं, यह मेरी गलती है।”

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