
आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है, जहां एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम उससे लगातार पूछताछ कर रही है। शुरुआती पूछताछ में राणा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनकी जांच एजेंसी द्वारा पुष्टि भी की गई है।
एनआईए की पूछताछ में यह सामने आया है कि राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के एक गांव, चिंचबुतुनी में हुआ था। उसे पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहनने का खास शौक है और भारत के प्रति उसका गहरा विरोध भी साफ नजर आता है। बताया गया है कि वह अक्सर पाकिस्तानी सेना की वर्दी या छद्म भेष में साजिद मीर, मेजर इकबाल और अन्य लोगों से मिलने जाया करता था। सेना से रिटायर होने के बाद भी वह लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण कैंपों और हुजी (हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी) के इलाकों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में रहा।
राणा ने पूछताछ में अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में भी जानकारी दी। उसके पिता, राणा वली मोहम्मद, एक स्कूल में प्रिंसिपल हैं। उसके दो भाई हैं – एक भाई पाकिस्तानी सेना में मनोचिकित्सक के तौर पर कार्यरत है जबकि दूसरा पत्रकार है।
शिक्षा के बारे में उसने बताया कि उसने पाकिस्तान के हसन अब्दाल स्थित कैडेट कॉलेज में पढ़ाई की थी, जहां उसकी मुलाकात डेविड हेडली से हुई थी। यह प्रतिष्ठित कॉलेज पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल अयूब खान द्वारा स्थापित किया गया था।
तहव्वुर राणा की पत्नी एक डॉक्टर हैं और 1997 में दोनों पति-पत्नी कनाडा चले गए थे। वहां राणा ने एक इमिग्रेशन सेवा और हलाल स्लॉटर हाउस की स्थापना की।
अब एनआईए की टीम राणा से 18 दिन की हिरासत के दौरान विस्तार से पूछताछ करेगी – खासकर आईएसआई, मुंबई हमले में शामिल अन्य सहयोगियों, और भारत के किन-किन शहरों को निशाना बनाने की योजना बनाई गई थी, इन सभी बिंदुओं पर। इसी दौरान राणा को एक रहस्यमयी गवाह से भी मिलवाया जाएगा, जिसने 2006 में डेविड हेडली का मुंबई में स्वागत किया था और उस समय तहव्वुर राणा भी उसका करीबी था।