
हरियाणा में ज़मीन सौदे से जुड़े मामले में रॉबर्ट वाड्रा की परेशानी एक बार फिर बढ़ती दिख रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें समन भेजा है और पूछताछ के लिए अपने कार्यालय में बुलाया है। यह मामला हरियाणा के शिकोहपुर में हुई ज़मीन डील और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। ईडी की ओर से वाड्रा को यह दूसरा समन भेजा गया है। समन मिलते ही वाड्रा ईडी दफ्तर के लिए रवाना हो गए और पैदल ही दफ्तर पहुंचे। उनके साथ उनके बॉडीगार्ड्स और कई अन्य लोग भी पैदल चलते नजर आए। ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने वहां मौजूद लोगों को हाथ जोड़कर नमस्ते किया। हालांकि, उनके समर्थकों को दफ्तर के बाहर ही रोक दिया गया।
ईडी के सामने पेश होने से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “जब भी मैं जनता की आवाज उठाता हूं, ये लोग मुझ पर दबाव बनाते हैं और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं। मैं हर सवाल का जवाब देता हूं और आगे भी देता रहूंगा।”
मामला क्या है?
यह केस वर्ष 2018 से जुड़ा है। तौरू निवासी सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर 1 सितंबर 2018 को गुड़गांव के खेरकी दौला थाने में यह मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ‘स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी’ ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की। इस केस में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी सह-आरोपी बनाया गया है। मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 (साजिश), 467, 468 और 471 (जालसाजी) के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें बाद में धारा 423 भी जोड़ी गई थी।