
लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात लगी भीषण आग ने पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मचा दिया। रात करीब 10 बजे दूसरी मंजिल से आग भड़कनी शुरू हुई और देखते ही देखते इसने विकराल रूप ले लिया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हादसे के वक्त अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मरीज, तीमारदार और स्टाफ जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
इस हादसे में 61 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत की पुष्टि हुई है, बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सप्लाई रुकने के कारण उनकी जान चली गई।
जैसे ही हादसे की सूचना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची, उन्होंने स्थिति का संज्ञान लिया और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को तत्काल मौके पर भेजा। इससे पहले ही लखनऊ का पूरा प्रशासनिक तंत्र अस्पताल में मौजूद था। राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू हुआ और करीब 200 मरीजों को अन्य अस्पतालों — सिविल, बलरामपुर, केजीएमयू, लोहिया आदि में सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया।
आग जिस फ्लोर पर लगी थी, वहां बच्चों का NICU और महिलाओं की यूनिट स्थित थी। स्थिति को देखते हुए शीशे तोड़कर रेस्क्यू किया गया और मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने पूरी रात आग बुझाने और कूलिंग का काम किया। धुएं की मात्रा इतनी अधिक थी कि दमकल कर्मियों को ऑक्सीजन मास्क पहनकर भीतर जाना पड़ा। SDRF की टीम ने हर कमरे की तलाशी ली ताकि कोई मरीज या स्टाफ भीतर न फंसा हो।
मेयर सुषमा खरकवाल ने बताया कि सभी मरीज सुरक्षित हैं और स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस हादसे पर सरकार की लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों की स्थिति दयनीय है और रखरखाव को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।