
नागपुर: पश्चिम बंगाल में हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित अत्याचारों के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने शनिवार को नागपुर समेत विदर्भ क्षेत्र के लगभग 50 स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार की तीव्र आलोचना की और केंद्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की।
प्रदर्शन के दौरान नागपुर में VHP कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि बंगाल में हिंदू समाज की सुरक्षा खतरे में है और सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
‘बंगाल में साधु-संत भी सुरक्षित नहीं’
नागपुर महानगर VHP अध्यक्ष अमोल ठाकरे ने कहा, “पश्चिम बंगाल में हालात बेहद गंभीर हैं। साधु-संत तक अपने धार्मिक चिह्न लेकर नहीं चल सकते, महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है, और हिंदू घरों व व्यवसायों पर हमले हो रहे हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वरिष्ठ नेतृत्व से अनुमति मिलती है तो बजरंग दल के कार्यकर्ता पूरे देश से बंगाल कूच करेंगे।
सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नागपुर के प्रमुख चौराहों और सड़कों पर लोगों को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं ने बताया कि बंगाल में हिंदू समुदाय के साथ लगातार अन्याय हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप, केंद्र से हस्तक्षेप की मांग
VHP और बजरंग दल का दावा है कि पश्चिम बंगाल में हिंदू महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, साधुओं पर हमले, और संपत्तियों को जलाने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। संगठन का कहना है कि यह सब एक संगठित साजिश का हिस्सा है। वहीं, बंगाल सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहती है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।
VHP ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि जब तक केंद्र सरकार हस्तक्षेप नहीं करती और राष्ट्रपति शासन लागू नहीं होता, वे अपना विरोध जारी रखेंगे।